उत्तराखंड

सरस्वती विहार में आयोजित हुई राम कथा की अमृत वर्षा

सरस्वती विहार में आयोजित हुई राम कथा की अमृत वर्षा।

धामकाशी के संत विपिन बिहारी महाराज द्वारा राम कथा के अवसर पर रामायण के प्रमुख चारित्रों का किया विवेचन

ईश्वर को बताया जानने का नहीं मानने का विषय।

धाम काशी बनारस से पधारे संत विपिन बिहारी महाराज के मुखर बिन्दु से सरस्वती विहार अजबपुर देहरादून में रामनवमी के अवसर पर पावन राम कथा की अमृत वर्षा हुई। सरस्वती विहार निवासी पं0 शिव प्रसाद सेमवाल द्वारा आयोजित इस नौ दिवसीय राम कथा में युवा आचार्य संत विपिन बिहारी महाराज ने राम चरित मानस पर आधारित भगवान राम के साथ ही माता सीता, भरत, लक्ष्मण, शतुघ्न तथा सेवाभावी महाबली वीर हनुमान, केवट, शबरी आदि के चरित्रों का विस्तृत वर्णन के साथ इनसे जुडे आख्यानों की विवेचना की। उन्होंन कहा कि ईश्वर की भक्ति ही मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है। उन्होंने ईश्वर को जानने का नही मानने का विषय बताते हुए कहा कि सच्चे मन से की गई भक्ति से ईश्वर प्रशन्न होते हैं। तथा भक्तो पर अपनी कृपा बरसाते है।

उन्होंने कहा कि बाबा तुलसी द्वारा रचित रामचरित मानस समाज को सद्मार्ग पर ले जाने का माध्यम है। भगवान राम का जीवन हमें जहां विषम परिस्थितियों मे संयम नियम एवं मर्यादा मे रहकर विपत्तियों का सामना करने की प्रेरणा देता है, वहीं माता सीता भरत, लक्षमण एवं हनुमान का जीवन चरित्र पावनता, त्याग, सेवाभाव एवं भक्ति की प्रेरण देता है। उन्होंने सामाजिक जीवन में सदाचरण को बढ़ावा देने के लिए परिवार में संस्कारों को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि संस्कारशील परिवार ही भावी पीढ़ी को संस्कारवान बना सकेगी। इसके लिए उन्होने रामचरित मानस, रामायण व भगवद् गीता से युवाओं का जुड़ाव होना भी जरूरी बताया।

इस आयोजन में देवीप्रसाद सेमवाल, आंकाक्षा सेमवाल, दीपक सेमवाल टीकाराम सेमवाल के साथ ही राजेन्द्र प्रसाद डिमरी आदि प्रमुख सहयोगी रहे है।

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