उत्तराखंड

अजय-दीवान की लोकगायकी ने मचाई धूम

अजय-दीवान की लोकगायकी ने मचाई धूम

‘न त्यार न म्यार’ से ‘सनम चौकीदारा’ तक…

नया अध्याय लिख रही अजय-दीवान की जुगलबंदी

आजकल लोक में एक जोड़ी हिट है. अजय और दीवान की।अजय एक पत्रकार और दीवान एक बैंक मैनेजर रिटायर्ड. दोनों पुराने लोकगायक हैं. दीवान कनवाल पहली कुमाउँनी फ़िल्म मेघा आ के पार्श्व गायक हैं।

ये फ़िल्म 1986 में दूरदर्शन पर दिखी थी. अजय ढौंडियाल और दीवान कनवाल 30 साल से साथ रहे हैं. इन पुराने गितारों की नए जमाने में लोक गायन को लेकर साथ यानी जुगलबंदियाँ बहुत हिट हो रही हैं.

उत्तराखण्ड की संस्कृति,पीड़ा व मुद्दों को हुड़के की थाप और पहाड़ी संगीत लहरियों में बेहतर ढंग से पिरोया है। सम्भवतः दोनों पुरुष गायकों की यह पहली जोड़ी है जो लोकसंगीत के क्षेत्र में नये नये प्रयोग करती जा रही है।

बहुत ही कम समय में दोनों लोकगायकों ने दिल को झंकृत कर देने वाले चार पहाड़ी गीत लांच कर दिये हैं।

इनका पहला जुगलबंदी का गीत आया ‘न त्यर न म्यार’. शेरदा अनपढ़ की इस रचना को इन दोनों गायकों ने इस तरह गाया कि गायकी का ट्रेंड बदल गया. इसके बाद ये लाये हीरा सिंह राणा की रचना ‘त्यर पहाड़ म्यर पहाड़’. ये भी हिट हुआ. फिर ‘पहाड़ा का पंछी’. इस गीत ने फिर झकझोरा और चौथा गीत इनका आया है ‘सलम चौकीदारा’ जो फिर हिट होता जा रहा है. अजय व दीवान की जोड़ी को बधाई

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