उत्तराखंड

नंदा गौरा योजना में फर्जी प्रमाण पत्र का मामला, जांच के दायरे में 1.33 लाख लोगों के प्रमाणपत्र

नंदा गौरा योजना में फर्जी प्रमाण पत्र का मामला सामने आने के बाद हरिद्वार जिले में 1.33 लाख लोगों के प्रमाणपत्रों की रेंडम जांच होगी। सीडीओ के निर्देश मिलने के बाद समाज कल्याण अधिकारी ने इसके लिए आदेश कर दिए हैं। इस मामले में अब तक 37 पकड़े गए हैं। आगे जांच जारी है। इस मामले में 193 लोगों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। 193 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद समाज कल्याण विभाग में भी फर्जी प्रमाण पत्रों के 37 मामले पकड़े गए हैं। मामला सामने आने के बाद से हड़कंप मच हुआ है। सीडीओ प्रतीक जैन ने की ओर से आदेश मिलने के बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी टीकाराम मलेठा ने सभी सहायक समाज कल्याण अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में जांच कराने को कहा है।

अभी तक 37 मामलों को सहायक समाज कल्याण अधिकारियों ने सत्यापन में पकड़ा है। जाति प्रमाण पत्र को जब क्रॉस चेक ऑनलाइन किया गया तो एक मामला सामने आया। जिसके बाद एक-एक कर 37 मामले पकड़े गए। इनमें आवेदनकर्ताओं ने कंप्यूटर की मदद से एडिटिंग कर फर्जी प्रमाण पत्र बनाया हुआ था। सिडकुल में दर्ज हुए 193 लोगों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। पुलिस ने धारा 420 के साथ ही 467 और 468 भी लगाई है। जिस कारण लोगों में हड़कंप मच हुआ है। 467 में दस साल तक की सजा का प्रावधान है। जिला समाज कल्याण टीकाराम मलेठा ने बताया कि सीडीओ के आदेश पर पेंशन का लाभ लेने वाले लाभार्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच कराई जा रही है।

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