‘गुगली’ पर सरकार की कोशिश ‘सिक्सर’ की
हरकी पैड़ी पर गंगा मामले में हरदा ने फेंकी है ‘सियासी गेंद’
स्केप चैनल का नाम फिर होगा गंगा की धारा
ध्वस्तीकरण से बचाने की योजना पर भी काम
देहरादून। हरिद्वार में हरकी की पैड़ी पर जलधारा को गंगनगर बनाम गंगा मामले में कांग्रेसी दिग्गज ने सरकार की ओर सियासी गुगली फेंक दी है। अब सरकार की कोशिश है कि इसी गुगली पर सियासी सिक्सर जड़ दिया जाए। कोशिश हो रही है कि हरकी पैड़ी पर बह रही जलधारा को गंगनहर की बजाय फिर से गंगा धारा नाम दिया जाए। साथ ध्वस्तीकरण की जद में आ रहे सैकड़ों भवनों को भी बचा लिया जाए।
हरिद्वार में हरकी पैडी का विश्वभर में अपना अहम स्थान है। 2016 में कांग्रेस की हरीश सरकार ने एनजीटी के एक आदेश से सैकड़ों भवनों को ध्वस्त होने से बचाने के लिए हरकी पैडी से बह रही गंगा की धारा को स्केप चैनल (गंगनगर) नाम दे दिया था। अब कुंभ की तैयारी हो रही है कि संत समाज के साथ ही तीर्थ पुरोहित इसे फिर से गंगा नाम देने की मांग कर रहे हैं।
सियासत के मंझे खिलाड़ी हरीश रावत को इसमें भी मौका नजर आ गया। हरीश रावत ने सार्वजनिक रूप से अपनी गलती स्वीकारी और त्रिवेंद्र सरकार से कहा कि वह उनकी सरकार के फैसले को पलट दे। इस सियासी गुगली के पीछे हरीश की मंशा त्रिवेंद्र सरकार को छकाने की थी। अगर सरकार नाम बदलती है तो उन लोगों की नाराजगी झेलनी होगी, जिनके भवन ध्वस्तीकरण की जद में आ रहे हैं। और अगर नहीं बदलती है तो कुंभ के दौरान संत समाज व अन्य लोगों की नाराजगी और बढ़ती।
सूत्र बता रहे हैं कि सरकार ने तय किया है कि हरीश पर गुगली पर सिक्सर मारा जाए। एक काबीना मंत्री ने मीडिया से बातचीत में इशारा किया है कि इस समस्या का समाधान तलाशा जा रहा है। कोशिश हो रही है कि ऐसा रास्ता निकाला जाए, जिससे गंगनगर का नाम एक फिर गंगा करके हरकी पैडी के महत्व को बहाल किया। साथ ही ध्वस्तीकरण की जद में आ रहे भवनों को भी बचा लिया जाए।
बहरहाल, सरकार कब और क्या फैसला करती है, यह तो आने वाले समय में ही सामने आएगा। लेकिन फिलवक्त यह कहा जा सकता है कि सरकार की कोशिश हरीश रावत को गुगली पर सिक्सर मारने की हो रही है।
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