राजनीति

भाजपा में रहना है तो जनमुद्दों से करें “परहेज” !

कुंवर जपेंद्र के बहाने अन्य नेताओं को संदेश की कोशिश में तो नहीं उत्तराखंड भाजपा

कई अन्य भाजपा नेता भी कर रहे नीतियों पर टिप्पणी

न्यूज वेट ब्यूरो

देहरादून। उत्तराखंड भाजपा में रहना है तो जनता के हित की बात पसंद नहीं की जाएगी। भाजपा में रहने की यह अजीबोगरीब शर्त कहीं लिखित में नहीं है।  पर प्रदेश इकाई प्रतिक्रिया में दिख जरूर रही है। भाजपा संगठन ने एक ऐसे नेता पर कार्रवाई की है, जो जनता के मुद्दे उठा रहे हैं और ऐसे मामलों में सरकार के मौन पर भी सवाल खड़ा कर रहे हैं। ऐसे ही सवाल भाजपा के पुराने दिग्गज भी कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह है कि क्या भाजपा में नए आए नेता पर हमले के बहाने भाजपा अपने अन्य पुराने नेताओं को कोई संदेश दे रही है।

कुछ समय पहले ही भाजपा में आए कुंवर जपेंद्र सिंह लॉकडाउन में फीस लेने वाले स्कूलों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना था कि स्कूलों को तीन माह की फीस नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि यह अभिभावकों के हित में नहीं है। जपेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि वास्तव में ट्यूशन फीस ही स्कूल फीस है, क्या शिक्षा मंत्री और विभाग यह नहीं जानते। उन्होंने प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की तीन माह की फीस  माफ करने की मांग लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की।

अब प्रदेश भाजपा को लग रहा है कि इस तरह की पोस्ट के जरिए जपेंद्र की ओर से त्रिवेंद्र सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। भाजपा अध्यक्ष ने इसे अनुशासनहीनता माना और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। नोटिस में कहा गया है कि जपेंद्र इन दिनों त्रिवेंद्र सरकार विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। उनके कृत्य सरकार और पार्टी के विरोध में हैं। उधर, जपेंद्र का पक्ष है कि उन्होंने अभिभावकों का मुद्दा उठाया है, जो पब्लिक स्कूलों द्वारा तीन माह की फीस लेने पर रोक की मांग को लेकर है।

अहम बात यह भी है कि भाजपा के एक वरिष्ठ नेता समेत अन्य भी सरकार की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। एक पुराने और वरिष्ठ नेता तो सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके परेशानी खड़ी कर चुके हैं। लेकिन उनका कद इतना ज्यादा है कि भाजपा उन्हें आज तक नोटिस नहीं दे पाई। इनसे अलावा भी अन्य भाजपाई भी पोस्ट कर रहे हैं। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि भाजपा में नए-नए आए कुंवर जपेंद्र के बहाने एक दिग्गज नेता समेत अन्य लोगों को कोई नसीहत देने की कोशिश तो नहीं की जा रही है।

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