राजनीति

विस में मनमानी भर्तियाः युवाओं में पनप रहा आक्रोश

भाजपा की पेशानी पर बल, जोश में कांग्रेस

गोविंद की माफी की बात ने भाजपा पर बढ़ाया दबाव

हां, मैंने भर्तियां और प्रमोशन किया पर आमादा प्रेम

भाजपा हाईकमान कर रहा है हालात पर गहन मंथन

देहरादून। विस में चेहेतों में रेबड़ियों की तरह बांटी गई नौकरियों के खुलासे से सूबे के युवाओं में आक्रोश पनप रहा है। अहम बात यह है कि जांच की मांग को लेकर कांग्रेस के एक गुट में खासा जोश है तो भाजपा की पेशानी पर बल आ रहे हैं। इधर कांग्रेस के पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल हालात का रुख भांपकर माफी मांगने की बात कर रहे हैं तो दूसरी ओर भाजपा के स्पीकर रहे प्रेमचंद अग्रवाल अभी भी हां, मैंने की भर्तियां और प्रमोशन की अपनी बात पर आमादा दिख रहे हैं।

पूर्व स्पीकर कुंजवाल और अग्रवाल के समय में विधानसभा में बैकडोर से कीं गईं भर्तियों का खुलासा होने से सूबे के युवा आक्रोश में हैं। सोशल मीडिया में इन भर्तियों की जांच और स्पीकरों के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग को लेकर अभियान चलाए जा रहे हैं। ऐसा न होने पर राज्य व्यापी आंदोलन की चेतावनी भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

पहले बात कांग्रेस की। पूर्व स्पीकर कुंजवाल कांग्रेस की जांच की मांग की वजह से पहले ही अलग-थलग पड़ चुके हैं। अब सूबे के युवाओं में भड़क रहे आक्रोश को भी उन्होंने समझ लिया है। इन हालात में कुंजवाल ने नया सियासी पैंतरा चला है। वे कह रहे हैं कि इन भर्तियों को लेकर वे माफी मांगने को भी तैयार हैं।

अब बात भाजपा की। पहले स्पीकर प्रेमचंद और फिर बाद में एक पूर्व मंत्री अरविंद पांडेय की चेहतों को दी गई नौकरी की सूची वायरल होने से भाजपा थिंक टैंक में बैचेनी है। उन्हें लग रहा है कि युवाओं को अगर शांत नहीं किया गया तो खासा नुकसान हो सकता। इन हालात में कुंजवाल की माफी की पेशकश ने हाईकमान की पेशानी पर बल डाल दिए हैं। इसे इस तथ्य के प्रकाश में देखें कि प्रेमचंद अभी भी हां, मैंने दी नौकरियां और तीन प्रमोशन एक साथ देकर मुकेश सिंघल को बनाया सचिव की अपनी बात पर आमादा है।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि हाईकमान इस मसले के सभी पहलुओं पर गहन मंथन कर रहा है। देखा जा रहा है कि क्या एक्शन लेने से कितना डैमेज कंट्रोल हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि अगले दो या तीन रोज में भाजपा अपना फैसला सार्वजनिक कर सकती है। अब देखने वाली बात यह होगी कि युवाओं का आक्रोश थामने के लिए भाजपा कितना सख्त एक्शन लेती है।

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