संघ ने कोरोना काल में की निःस्वार्थ सेवा
पहली और दूसरी लहर में कार्यकर्ताओं ने झोंकी ताकत
कोरोना की तीसरी संभावित लहर के प्रति किया जागरूक
राममंदिर के लिए एकत्र की 32 करोड़ से ज्यादा राशि
देहरादून। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज में सदा से अपने सेवा कार्य के लिए पहचाना जाता है। देश में दैवीय/मानवीय आपदा के समय संघ का स्वयंसेवक निःस्वार्थ भावना से सेवा के लिए लगता है। कोरोना काल में भी संघ के स्वयंसेवकों ने निःस्वार्थ भाव से समाज की सेवा की है।
विश्व संवाद केंद्र में आयोजित पत्रकार वार्ता में सह प्रांत प्रचार प्रमुख संजय कुमार ने बताया कि पहली लहर के समय 558 स्थानों पर 3341 कार्यकर्ताओं ने 56 दिन तक सेवा कार्य किया। दूसरी लहर में प्लाज्मा एवं ऑक्सीजन सिलेण्डर की व्यवस्था की गई। रोगियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई। लावारिस या एऐसे लोग जिनके घर में कोईस मौजूद नहीं था। उनके शवों का दाह संस्कार किया गया। आरोग्य किट, मास्क व सैनिटाइजरों का वितरण किया गया। अस्पतालों में जरूरतमंदों के लिए बैड की व्यवस्था की गई। कार्यकर्ताओं द्वारा रक्त दान शिविर आयोजित किए गए। इस दौरान तीन चिकित्सा वाहनों का संचालन करने के साथ ही विवेकानन्द हेल्थ मिशन के 4 अस्पतालों को कोविड सेन्टर बनाया गया।
कुमार ने बताया कि तीसरी संभावित लहर से बचने के लिए भी संघ ने आरोग्य मित्र प्रशिक्षण योजना चलाई गई। इसमें नियमित शारीरिक करने, बच्चों के साथ भोजन करने, मोहल्ले/बस्तीयों/हाऊसिंग सोसाईटी में कोविड से बचाव के उपायों की चर्चा की गई। कोरोना संक्रमण न्यूनतम रहे इसका प्रयास करने को जनजागृति के लिए गांव-गांव तक गए। बताया गया कि बच्चों के आस-पास लक्ष्मण रेखा का निर्माण कैसे करना है। आरोग्य मित्र प्रशिक्षण पुस्तिका अधिकतम क्षेत्रों तक पंहुचाया। इस कार्यक्रम में 62270 कार्यकर्ताओं से सहयोग किया।
महानगर प्रचार प्रमुख हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि श्री राम जन्म भूमि अभियान के समय भी संघ के स्वयंसेवकों ने घर-घर जाकर प्रभु श्रीराम के भक्तों से समर्पण एकत्रित किया एवं सभी को श्रीराम जन्मभूमि की रसीद भी बांटी। इस दौरा कुल समर्पण राशि 32,49,50,562 रही।