केदारधाम की ब्रह्मकमल वाटिका पर ‘कोरोना ग्रहण’
देख-देख न हो सकी तो मुरझा गए यहां खिले तमाम राज्य पुष्प
देहरादून। केदारनाथ धाम स्थित पुलिस कैंप में स्थापित ब्रह्म वाटिका को भी कोरोना का ग्रहण लग गया है। देखरेख के अभाव में इस वाटिका में खिले ब्रह्मकमल भी मुऱझा गए हैं। अहम बात यह भी है कि इस ब्रह्मवाटिका की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी तारीख कर चुके हैं।
केदारधाम परिसर में ही मंदाकिनी नदी के किनारे पर इस ब्रह्म वाटिका की स्थापना वर्ष 2015 में की गई थी। यह समुद्रतल से करीब 11,750 फीट की ऊंचाई पर मध्य हिमालय की तलहटी में बसे केदार धाम में है। इसकी देखरेख के लिए यहां पुलिस के जवानों की नियमित ड्यूटी तय की गई है। पहली बार यहां सात ब्रह्मकमल के छोटे पौधे रोपे गए थे। वर्ष 2016 में वाटिका में पहला ब्रह्मकमल का पुष्प खिला। वर्ष 2017 में जून माह के पहले सप्ताह में ही वाटिका में ब्रह्म कमल के पांच पौधों पर एक साथ फूल खिले थे।
इन दिनों इस ब्रह्मवाटिका को कोरोना का ग्रहण सा लग गया है। रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक नवनीत भुल्लर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि पहले सर्दियों और फिर बाद में कोविड-19 के चलते धाम में मौजूदगी बेहद कम रही। इसी वजह से वाटिका की देख-रेख न हो सकी। नतीजा यह रहा कि वाटिका में ब्रह्मकमल खत्म हो गए हैं। इस वाटिका को फिर से तैयार किया जा रहा है।
यहां बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस वाटिका में आकर पुलिस के प्रयासों की सराहना कर चुके हैं। इस वाटिका भी पीएम मोदी के केदाराधाम विकास के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। इसके लिए केंद्र सरकार ने भी 50 लाख रुपये दिए हैं। यहां राज्य पुष्प ब्रह्मकमल के साथ ही जड़ी-बूटी उत्पादन की भी योजना है।
साभार-एएनआई न्यूज एजेंसी