पौड़ी जिले में प्रशासन ने सभी तक पहुंचाया है जून तक का राशन
क्वारंटीन लोगों को दी जा रही राशन किट
कई संस्थाएं कर रही राशन बांटने का दावा
सीएसआर फंड खुर्द-बुर्द करने का तो नहीं खेल
न्यूज वेट ब्यूरो
देहरादून। पौड़ी जिले में प्रशासन ने सभी कार्डधारकों को जून तक राशन दे दिया है। बाहर से आ रहे और क्वारंटीन हो रहे लोगों को भी प्रशासन राशन की किट दे रहा है। इसके बाद भी संस्थाएं आखिर किन लोगों को राशन किट देकर वाहवाही लूटने की कोशिश में हैं। सवाल यह है क्या प्रशासन सभी तक राशन नहीं दे पा रहा है या फिर ये संस्थाएं सीएसआर फंड को खपाने की कोशिश में हैं। पलायन एक चिंतन के संयोजक और वरिष्ठ समाजसेवी रतन सिंह असवाल ने इस मामले में गहरी चिंता जाहिर की है।
पौड़ी जिले में इन दिनों कुछ संस्थाओं और एक दो फाउंडेशन की ओर से लोगों को राशन किट वितरण की खबरें चलवाई जा रही है। इससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पहला सवाल यह है कि पौड़ी जिला प्रशासन की ओर से सभी राशनकार्ड धारकों को तीन माह का राशन दे दिया गया है। एपीएल कार्ड धारकों को भी मासिक राशन से ज्यादा की मात्रा दी जा चुकी है। इतना ही नहीं, बाहर से आ रहे तमाम लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है। इनके लिए भी विकास खंडों के माध्यम से राशन किट दी जा रही है। इनमें आटा, चावल, नमक, तेल, चाय पत्ती, चीनी व अन्य सामान दिया जा रहा है। क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे लोगों की लिस्ट पूर्ति विभाग को दी जा रही है और यह विभाग किट भिजवा रहा है। डीएम धिराज सिंह गर्ब्याल खुद इस पर नजर रखे हैं।
अब इसके बाद भी संस्थाएं और फाउंडेशन किन लोगों को राशन किट वितरित कर ही हैं। इन संस्थाओं की ओर से रोजाना फोटो जारी किए जा रहे हैं। जिनमें कुछ लोग दिखाई दे रहे हैं। सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या जिला प्रशासन की राशन किटें लोगों तक नहीं पहुंच रही है और क्या आम लोगों को राशन की दुकानों से सामान नहीं मिला है। अगर मिला है तो ये संस्थाएं किन्हें राशन किट देकर वाहवाही लूटने की कोशिश में है। अहम बात ये भी हैं कि अधिकांश संस्थाएं बड़ी कंपनियों के सीएसआर फंड लेकर इस तरह की गतिविधियां संचालित करती है। अब दो ही बातें हैं या तो जिला प्रशासन लोगों तक राशन नहीं पहुंचा पा रहा है या फिर ये संस्थाएं सीएसआर फंड का दुरुपयोग कर रही है। इस बारे में पलायन एक चिंतन के संयोजक और समाजसेवी रतन सिंह असवाल कहते हैं कि उनके क्षेत्र में सभी लोगों को राशन सरकारी कोटे से मिला है और क्वारंटीन सेंटरों में पर्य़ाप्त सेंटरों में राशन किट दी जा रही है। आलम य़ह है कि जिन लोगों के नाम राशन कार्ड में दर्ज हैं और वो क्वारंटीन सेंटरों में हैं, उन्हें भी प्रशासन की ओर से राशन किट दी जा रही हैं।