कोरोनाः गिर रही पेट्रोल-डीजल की बिक्री
बढ़ती कीमत के बाद भी उत्तराखंड के राजस्व में भारी गिरावट
पहली तिमाही में मिले महज 119 करोड़
देहरादून। सरकारी आंकड़े इस बात का इशारा कर रहे हैं कि उत्तराखंड में पेट्रोल और डीजल की बिक्री में घट रही है। इसे इस तथ्य के प्रकाश में देखें कि कोरोना काल में पेट्रो पदार्थों की कीमत में लगातर बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन राजस्व में कमी हो रही है। पहली तिमाही में उत्तराखंड सरकार को राजस्व के रूप में महज 119 करोड़ ही मिले हैं। इसका खुलासा सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मिली जानकारी से हुआ है।
काशीपुर निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता और सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने राज्य कर विभाग से पेट्रो पदार्थों पर लगने वाले टैक्स से हुई आय का ब्योरा मांगा था। विभाग से दी गई सूचना के अनुसार अप्रैल 2007 से जून 2020 तक पेट्रोलियम पदार्थों से उत्तराखंड सरकार ने 13042 करोड़ 92 लाख का टैक्स वसूला है। इसमें 5346 करोड़ 53 लाख का टैक्स पेट्रोल से तथा 7376 करोड़ 71 लाख का टैक्स डीजल की बिक्री से वसूला गया है। आंकड़ों के अनुसार 2007-08 में पेट्रोलियम पदार्थों पर सरकार को केवल 414.9 करोड़ टैक्स मिला था। यह 2018-19 में बढ़कर 1599.92 करोड़ हो गया। लेकिन कोरोना महामारी शुरू होने पर 2019-20 में इसमें 88.13 करोड़ की कमी होकर 1511.79 करोड़ ही रह गया। 2020-21 की प्रथम तिमाही (अप्रैल से जून 2020) में तो केवल 228.49 करोड़ रूपये ही टैक्स मिला। 2020-21 की प्रथम तिमाही में यह टैक्स केवल 119.19 करोड़ ही रह गया।
अहम बात यह भी है कि कोरोना काल में भी पेट्रो पदार्थों की कीमत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके बाद भी राजस्व में कमी होना यही संकेत देता है कि उत्तराखंड में पेट्रोल और डीजल की बिक्री कम हो रही है। यहां यह भी बता दें कि पेट्रो पदार्थों पर टैक्स कीमत के आधार पर लगता है न कि प्रति लीटर के आधार पर।