सरकारी नियंत्रण में ही रहेंगे चारधाम
देवस्थानम् बोर्ड के खिलाफ स्वामी की याचिका हाईकोर्ट से खारिज
देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने भाजपा सांसद डॉ. सुब्रहमण्यम स्वामी के राज्य सरकार ने चारधाम समेत अन्य मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण के लिए लागू देवस्थानम् बोर्ड को खत्म करने की याचिका को खारिज कर दिया है। अब चारधाम समेस 51 देवस्थल इसी बोर्ड के अधीन संचालित होंगे।
उत्तराखंड स्थित केदारानाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम विश्व प्रसिद्ध हैं। इनके विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शीर्ष प्राथमिकता में है। इन धामों में हो रहे विकास कार्यों की वे खुद भी कई बार मानीटरिंग कर चुके हैं। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् बोर्ड का गठन किया है। इसके एक्ट में उक्त चार धामों के साथ आसपास के ही छोटे-बड़े 47 अन्य मंदिरों और देवस्थलों को शामिल किया है। इस एक्ट का धामों और मंदिरों में व्यवस्था संभाल रहे तीर्थ पुरोहित और पुजारी विरोध कर रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस बोर्ड गठन को एक जनहित याचिका के जरिए नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी है। एक गैरसरकारी संगठन रूलक ने खुद को इस याचिका में पक्षकार बनवाया और बोर्ड गठन को जायज करार दिया। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। आज हाईकोर्ट ने अपने फैसले में स्वामी की याचिका को खारिज कर दिया है।
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