चार धाम रूट पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तीन रथ रवाना
कचरे की मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग करेंगी मोबाइल वैन
देहरादून। चारधाम यात्रा मार्ग को प्लास्टिक कचरे से मुक्त रखने के लिए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से बुधवार को तीन प्लास्टिक निरीक्षण एवं जागरूकता रथ रवाना किए गए। प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण और उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष श्री आर के सुधांशु ने हरी झंडी दिखाई।
ये रथ ऋषिकेश, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग के बेस स्टेशन से संचालित होते हुए समस्त चार धाम रूट पर प्लास्टिक कचरे की मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग करने के साथ प्रतिबंधित सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उत्पादों के संबंध में तीर्थयात्रियों और आम नागरिकों को जागरूक करेंगे। बद्रीनाथ, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब की जिम्मेदारी रुद्रप्रयाग टीम को दी गई है, जबकि गंगोत्री, यमुनोत्री और गोमुख रूट की जिम्मेदारी उत्तरकाशी की टीम निभाएगी। ऋषिकेश टीम हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, टिहरी क्षेत्र की जिम्मेदारी संभालेगी।
आईटी पार्क स्थित गौरादेवी पर्यावरण भवन में इन रथों को रवाना करने के मौके पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि सुधांशु ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग में प्लास्टिक कचरा बड़ी चुनौती बन गया है। पिछले वर्ष चारों धामों की यात्रा पर 45 लाख यात्री आये थे। इस वर्ष और ज्यादा तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है। ऐसे में बढ़ते हुए कचरे से निपटने के लिए हमें हर स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव सुशांत पटनायक ने कहा कि प्लास्टिक रथ मुख्य रूप से तीन काम करेंगे। इनमें इंफोर्समेंट, मॉनिटरिंग और जागरुकता जैसे काम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग पर रथों के माध्यम से स्थानीय शहरी निकायों, पंचायतों, वन विभाग इत्यादि की कचरा प्रबंधन की व्यवस्था को लेकर मॉनिटरिंग की जायेगी। हमें डंपसाइट्स, डंप किए गए कचरे, कचरे के स्रोत की पहचान करने और जागरूकता पैदा करने की सबसे ज्यादा जरूरत है। कार्यक्रम दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहला चरण मई के दूसरे पखवाड़े से लेकर जुलाई के अंत तक और दूसरा चरण सितंबर से नवम्बर के अंत तक चलाया जाएगा। इन प्रयासों से बोर्ड अपनी नियामक भूमिका से आगे बढ़ते हुए जन सहभागिता के मॉडल पर काम करेगा।
राज्य पर्यावरण संरक्षण और मौसम परिवर्तन निदेशालय के निदेशक एसके सुबुद्धि ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए हर संभव प्रयास किये जाने की जरूरत है। हर रथ पर चालक के अलावा नियंत्रण बोर्ड, पीआरडी और बोर्ड के नॉलेज पार्टनर एसडीसी फाउंडेशन से एक-एक सदस्य शामिल हैं। तीनों मोबाइल टीमें कचरे से संबंधित निगरानी करते हुए चार धाम रूट पर शहरी निकाय, पंचायत, वन विभाग, मंदिर समितियों के साथ मिलकर काम करेंगी। मोबाइल टीमें बैनर, पोस्टर, स्टिकर, स्टैंडी के साथ ही रिकॉर्डेड ऑडियो सन्देश के माध्यम से सिंगल यूज़ प्लास्टिक उत्पादों के दुष्प्रभाव और मिशन लाइफ उददेशो के प्रति लोगों को जागरूक करेंगी।
समारोह में चंदन सिंह रावत, डॉo अँकुर कंसल, प्रदीप जोशी, सोमपाल सिंह, डॉo राजेंद्र सिंह कठैत, अमित पोखरियाल, डॉo राजकुमार चतुर्वेदी, अनुराग नेगी, अनूप नौटियाल, प्रेरणा रतूड़ी और बोर्ड के समस्त अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।