सालों से जंगल में कैद है यह अपंग ‘बेजुबान’
सतीवाला में सड़क पर उतरे हाथी की अजब ही है कहानी
टस्कर के पिछले बाएं पांव में है अपंगता,दूरी बनाकर रखिए
दूसरे गजराजों की तरह ये नहीं तय कर सकता है लंबी दूरी
नवीन पांडेय
देहरादून: डोईवाला के सतीवाला में सुबह जिस हाथी को लोगों को दौड़ाने और स्कूटी क्षतिग्रस्त करने की बात सामने आई है। दरअसल वह पांच साल से जंगल के चंद किलोमीटर के दायरे में ‘कैद’ है। उसकी मजबूरी यह है कि वह सामान्य हाथियों की तरह न तो लंबा सफर तय कर पाता है और न ही उसे हाथियों का कोई समूह स्वीकार करने को तैयार है। उसकी ‘अपंगता’ ने उसे मजबूर बना दिया है।
यह गजराज अकेला ही कभी राजाजी टाइगर रिजर्व के रामगढ़ तो कभी डोईवाला से लगते कुछ जंगलों में फटकने को मजबूर है। चूंकि वह अवयस्क है, और वयस्क होने की ओर बढ़ रहा है तो उसकी कई ख्वाहिशें भी हैं पर उसे गजराजों के समूह से ‘दुत्कार’ ही मिलती है। जंगल की दुनिया में यह बड़ा सत्य है कि बेरंग या किसी तरह की शारीरिक अक्षमता पर वन्य जीवों का समूह उसे ‘काबिल’ नहीं मानते और उससे दूरी बना लेते हैं। इसलिए ‘राजाजी से डोईवाला’ के इस टस्कर की कुछ किलोमीटर की अपने हालात से हाथी होने का स्वभाविक प्रतिक्रिया इंसानी दखल के बाद देता है।
संवादादता ने हाथी को लेकर पड़ताल की तो बेहद चौकान्ने वाली बात सामने आई। डोईवाला में सुबह हल्ला मचा कि एक टस्कर ने कई लोगों को दौड़ा लिया। कईयों की जान आफत में आ गई। स्कूटी को क्षतिग्रस्त कर दिया। हाथी लोगों के लिए खासकर सुबह मार्निंग वाक करने और उस रास्ते से जाने वालों के लिए खतरा बन रहा है। जबकि बेजुबान की आवाज सुनें तो, ये टस्कर खुद से ‘मजबूर’ है। हाथी ‘अपंग’ है। उसका पिछला बायां पांव टेढ़ा है। जिसकी वह से वह घसीटकर चलता है। करीब पांच सालों से वह अपनी मजबूरी का ‘दंश’ झेल रहा है। अपने साथी गजराजों की तरह वह लंबी दूरी नहीं तय कर पाता है। जिसकी वजह से उसके स्वभाव में स्वभाविक बदलाव संभव है। चूंकि वह अवयस्क यानि करीब 12 से 15 साल का है तो वह हाथियों के समूह में शामिल होना चाहता है पर वहां भी उसे खदेड़ दिया जाता है।
अकेले भटक रहा ये ‘अपंग’ गजराज राजाजी टाइगर रिजर्व के रामगढ़ रेंज से होते हुए डोईवाला अंतर्गत आने वाले कुछ जंगलों में सालों से है। चूंकि इस टस्कर को ना तो चोट लगी है और ना ही किसी हाथी से टकराव हुआ है इसलिए इसके उपचार को लेकर कोई सोच भी नहीं है। वह इन जंगलों में भ्रमण करके अपनी जरूरत की चीजों को पूरा कर करने की कोशिश करता है। इसलिए अगली बार जब भी पत्थर फेंके तो इस बात को जरूर याद रखें।
इंसानों ने ‘अपंग’ हाथी पर पत्थर फेंका, शोर मचाया
डोईवाला वन क्षेत्र अंतर्गत दूधली मार्ग के सतीवाला में सुबह करीब आठ बजे एक हाथी निकलकर सड़क पर आ गया। लोग वीडियो बनाने लगे। फोटो खींचने लगे। शोर करने लगे। कुछ ने पत्थर फेंककर टस्कर को भगाने की कोशिश की। इससे नाराज ‘मजबूर गजराज’ ने घसीटते हुए डराने की कोशिश की। जिसमें वीडियो बनाने में मशगूल युवती बाल—बाल बची। वह स्कूटी छोड़कर भागी। क्रोधित गजराज ने उसकी स्कूटी क्षतिग्रस्त कर दी। डोईवाला के वन क्षेत्राधिकारी गजानंद उनियाल को जैसे ही ये खबर लगी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। सड़क पर मौजूद भीड़ को हटाया और फिर पटाखा छोड़कर और हवाई फायरिंग करके हाथी को जंगल की ओर भेजा।
कोट—
जो हाथी मंगलवार की सुबह सतीवाला में सड़क पर आया है। उसे वन विभाग काफी समय पहले ही स्पॉट कर चुका है। कई सालों से इसके मूवमेंट पर भी नजर है। हाथी की उम्र 12 से 15 साल होगी। पिछला बांया पैर हाथी का काफी टेढ़ा है। जिसकी वजह से वह घसीटकर चलता है। उसका मूवमेंट दूधली, सतीवाला, चांदमारी तक ही सीमित है। अपनी अपंगता की वजह से दूसरे हाथियों के मुकाबले वह लंबी दूरी नहीं तय कर पाता। इसलिए अमूमन वह राजाजी के रामगढ़ से डोईवाला के बीच मूवमेंट करता है और आसपास के गांव और आबादी वाले क्षेत्र में आकर किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाता है।
गजानंद उनियाल, वन क्षेत्राधिकारी, डोईवाला और लच्छीवाला