जमीन किसी की, ठेका दिया किसी ने और मौज में निजी कंपनी
हे महाराज! निजात दिलाओं इस ‘स्मार्ट पार्किंग’ से
त्रिवेंद्र सरकार के समय का है ये ‘कारनामा’
सड़क का मालिक है लोक निर्माण विभाग
और पार्किंग का ठेका दे दिया ब्रिडकुल ने
रोजाना लाखों कमा रही है निजी कंपनी
देहरादून। त्रिवेंद्र सरकार के समय में अफसरों ने बेखौफ होकर एक ऐसा कारनामा किया है, जिससे एक निजी कंपनी रोजाना ही नागरिकों की जेब से लाखों अपनी तिजोरी में डाल रही है। जी हां, बात हो रही है शहर के राजपुर रोड में कथित स्मार्ट पार्किंग की। निजी कंपनी बगैर एक भी पैसा लगाए रोजाना लाखों कमा रही है। जबकि इससे पहले इसी कथित पार्किंग में वाहन खड़ा करने पर पुलिस वाहनों का चालान करके पैसा सरकारी खजाने में जमा कर रही थी।
त्रिवेंद्र सराकार के तमाम फैसलों को पहले तीरथ और फिर धामी सरकार रद कर चुकी है। लेकिन एक ऐसा फैसला आज भी चल रहा है, जिसमें एक निजी कंपनी रोजाना लाखों रुपये अपनी तिजोरी में भर रही है। हम बात कर रहे हैं राजपुर रोड पर स्मार्ट पार्किंग के नाम पर वसूली की।
घंटाघर से जाखन तक राजपुर रोड की यह सड़क लोनिवि की है। वहीं इसका रखरखाव भी करता है। इस सड़क के दोनों ओर वाहन खड़ा करने पर पुलिस चालान करके पैसा सरकारी खजाने में जमा करती थी। लेकिन त्रिवेंद्र सरकार के अफसरों ने इसे भी कमाई का जरिया बना लिया। बताया जा रहा है कि कुछ समय के लिए एमडीडीए का चार्ज लेने वाले तत्कालीन डीएम और स्मार्ट सिटी के सीईओ आशीष श्रीवास्तव के समय में यह खेल हुआ। बतौर वीसी एमडीडीए उन्होंने एक खत ब्रिडकुल (ब्रिज कारपोरेशन आफ उत्तराखंड) से इस सड़क के किनारों का पार्किंग बनाने का ठेका देने को लिखा।
ब्रिडकुल ने भी तेजी दिखाई और टेंडर मांग लिए। ये भी नहीं देखा कि जमीन किसकी है। आगे का खेल तो और भी रोचक है। दिल्ली की एक निजी कंपनी ने ब्रिडकुल को एलओआई (लेटर ऑफ इंट्रस्टेट) भेजा। और ब्रिडकुल ने इसी सिगिंट एलओआई के आधार पर स्मार्ट पार्किंग का ठेका दे भी दिया। तब से लेकर निजी कंपनी राजपुर रोड के दोनों और वाहनों को खड़ा करवा कर शुल्क वसूल रही है। अहम बात यह भी है कि पिछले तीन से भी ज्यादा सालों से हो रही इस निजी कंपनी की वसूली पर लोनिवि भी मौन साधे बैठा है। विभाग ने आज तक किसी से यह नहीं पूछा कि उसकी सड़क का ठेका कोई और एजेंसी कैसे दे सकती है। यही वजह है कि निजी कंपनी के हौसले बुलंद और मनमाने तरीके स्मार्ट पार्किंग शुल्क वसूल रही है।
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