एक्सक्लुसिव

श्रीगोलज्यू संदेश यात्रा का छह मई को घोड़ाखाल में होगा समापन

कुमाऊं भ्रमण के बाद पहुंची पौड़ी यात्रा

मनोज ईष्टवाल

न्याय देवता के रूप में देश विदेश में सुप्रसिद्ध गोलज्यू देवता की “श्रीगोलज्यू सन्देश यात्रा” रथ बोना-धर्तीधार, शतगढ़-पिथौरागढ़, गरुड़-बागेश्वर, बिंता-उदयपुर के बाद द्वाराहाट पहुंचा। यात्रा श्रीनगर होकर रात्रि विश्राम पौड़ी पहुंचेगी। इसका समापन छह मई को घोड़ाखाल (नैनीताल) में होगा।

यूं तो गोलज्यू देवता के चमत्कारों व न्याय के सैकड़ों उदाहरण आज भी मौजूद हैं जिसके परिणाम स्वरूप उनके मंदिरों में लटकी हजारों चिट्ठियां व हजारों घण्टियाँ दिखाई देती हैं जो बताती हैं कि लोगों की मन्नतें, मुरादें पूरी करने में गोलज्यू जरा भी कोताही नहीं करते। मूलतः मातृशक्ति की पुकार पर हरदम मौजूद रहने वाले गोलज्यू देवता की “श्रीगोलज्यू सन्देश यात्रा” पूरे गढ़वाल कुमाऊं क्षेत्र में उत्सुकता का बिषय बनी हुई है।

ज्ञात होकि गोलज्यू देवता आठवीं सदी पूर्व में उक्कू महल व हुश्कर महल के सूर्यवंशी राजा हल्लू राई के पुत्र झल्लू राई के पुत्र हुए जिनका जन्म गोरी नदी घाटी (मदकोट क्षेत्र) के धर्तीधार में होना बताया जाता है। गोरी नदी क्षेत्र में जन्में गोरिया, ग्वेल, गोलज्यू, गोरिल सहित विभिन्न नाम से पुकारे गए गोलज्यू देवता मूलतः कत्यूर वंश के थे जिनकी सात सौतेली मां थीं। वह मां कलिंगा के पुत्र हुए जो हरुसेम व कलु सेम की बहन थी व किरात वंश की थी।

गोलज्यू देवता की कर्मस्थली मूलतः चंपावती राज्य था जो पाटन नेपाल में है व बाद में चंपावती से चम्पावत बने चंद राजाओं के काल में वे उनके किले के सेनापति (पश्वा) हुए जिनकी धुनि राजमहल के बाहर हुआ करती थी। यूं तो उनके चमत्कारों की बड़ी पैविस्त है लेकिन ऐतिहासिक व किंवदन्तियों में उनके साक्ष्यों के कुछ प्रमाण जग जाहिर हैं। 

इस बर्ष “अपनी धरोहर सोसायटी” द्वारा वृहद रूप से विगत 25 अप्रैल 2022 को अपने पहले पड़ाव बोना गांव से यात्रा का शुभारंभ किया गया जो वहां से होती हुई लगभग 11 किमी पैदल उतुंग हिमालयन की ओर बढ़ी व लगभग 10500 फिट की ऊंचाई पर अवस्थित गोलज्यू जन्मस्थान धर्तीधार पहुँची जहां से पूजा अर्चना के बाद पुनः बोना गांव लौटी व तदोपरांत 26 अप्रैल 2022 को बोना गांव से मदकोट, बरम, जौलजीवी, अस्कोट, कनालीछीना, शतगढ़, पिथौरागढ़, रतवाली होकर रात्रि विश्राम हेतु अपने दूसरे पड़ाव पिथौरागढ़ रुकी। 27 अप्रैल को पिथौरागढ़ से रवानगी के बाद कोटगाड़ी होकर रात्रि विश्राम हेतु रीमा होती हुई बागेश्वर पहुंची। चनौदा (थैलढुंगा), बिंता उदयपुर होकर यात्रा बिन्सर-ताड़ीखेत होकर द्वाराहाट रात्रि विश्राम के लिए पहुंची है। 

अपनी धरोहर सोसायटी अध्यक्ष और  पूर्व आईजी पुलिस गणेश सिंह मर्तोलिया ने बताया कि इस यात्रा को आशा से कई अधिक जन समर्थन मिल रहा है। गोलज्यू दर्शन के लिए अपार भीड़ उमड़ रही है। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान जिस तरह से “श्रीगोलज्यू सन्देश यात्रा”  को क्षेत्रीय जनता धर्म कर्म के साथ आस्था व विश्वास के साथ हर छोटे बड़े स्थानों उमड़ रही है वह अतुलनीय है। इस यात्रा का समापन देहरादून में होगा।

अपनी धरोहर के सचिव विजय भट्ट ने बताया कि  कल सुबह श्रीगोलज्यू सन्देश यात्रा द्वाराहाट से गढ़वाल मंडल के पौड़ी जिले के लिए प्रस्थान करेगी। पहले श्रीनगर कमलेश्वर में पूजा अर्चना करने के बाद गोलज्यू रथ पौड़ी कंडोलिया पहुंचेगा जहां पूजा अर्चना के बाद कल पौड़ी में विश्राम होगा। इस दौरान श्रीगोलज्यू सन्देश यात्रा में श्याम सिंह रौतेला, वरिष्ठ पत्रकार मनोज इष्टवाल, बीएस मेहता, ललित पन्त, जीवन जोशी, मोहन बिष्ट, कैलाश, सुयाल, भूपेंद्र भट्ट, भगवान पन्त, दिनेश नेगी, हिमांशु खुल्वे, गौरव जोशी, भूपेंद्र बिष्ट, खड़क सिंह रावत,  भगत सिंह धर्मशत्तु इत्यादि शामिल हुए।

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