पेपर लीकः त्रिवेंद्र गंभीरता दिखाते तो आज न होते ये हाल
2020 की एफआईआर में नामजद था हाकम
सियासी आकाओं की दम पर बच निकला था उस वक्त
अगर सख्त एक्शन होता तो लीक न होते और पेपर
अब तो हाकम की हाकिमों में बन गई है गहरी पैठ
पुलिस और शासन के अफसरों के साथ भी ताल्लुकात
यूकेडी ने जारी की है भाजपा नेताओं के साथ तसवीर
देहरादून। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक मामले में भाजपा नेता रहे हाकम सिंह को मास्टर माइंड बताया जा रहा है। अहम बात यह भी है कि यह व्यक्ति फारेस्ट गार्ड पेपर लीक मामले में मंगलौर में 2020 में हुई एक एफआईआर में भी नामजद था। इसके बाद भी तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पेपर लीक को गंभीरता से नहीं लिया और आरोपी बच निकले। सवाल यह है कि क्या इस बात की भी जांच होगी कि किन अफसरों, नेताओं और मंत्रियों के कहने पर इसने लोगों को सरकारी नौकरी दिलवाई।
बताया जा रहा है कि आज अरबों का मालिक कथित मास्टर माइंड राज्य गठन के वक्त एक पहाड़ी जिले के डीएम के आवास पर खाना बनाता था। डीएम एक मैदानी जिले में आए तो इसे भी साथ ले आए। तभी से इसे सत्ता का स्वाद लग गया। अफसरों और सियासी नेताओं से गहरे ताल्लुकात बनाए। फिर खुद सियासत में आ गया। इसी बीच इसे पेपर लीक खेल का चस्का लग गया। सूबे में कहीं भी कोई भी भर्ती परीक्षा हो, इसका खेल चालू रहा। 2020 में फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा लीक मामले में इसके खिलाफ एक नामजद एफआईआर हरिद्वार के मंगलौर थाने में हुई। उस वक्त त्रिवेंद्र सिंह रावत सीएम थे। त्रिवेंद्र ने न तो पेपर लीक को गंभीरता से लिया और न ही एफआईआर को। नतीजा यह रहा है कि सभी नामजद बच निकले और उसका पेपर लीक का खेल बदस्तूर जारी रहा।
सवाल यह है कि पेपर लीक जैसे गंभीर मामले में पुलिस का रवैय्या इतना उदासीन क्यों रहा और त्रिवेंद्र ने इस प्रकरण पर क्यों मौन साध लिया। सवाल यह भी है कि क्या पुलिस की लापरवाही और त्रिवेंद्र के रुख ने इस मास्टर माइंड के हौसले और बुलंद नहीं कर दिए। बताया जा रहा है कि इसके उत्तरकाशी जिले में स्थित एक आलीशान होटल का प्रशासनिक और पुलिस अफसरों के साथ ही नेता भी लुफ्त उठाते रहे हैं।
अब सोशल मीडिया में कहा जा रहा है कि एसआईटी अपनी सीमा तक जांच कर चुकी है। आगे की जांच में सियासी नेता और अफसर तक भी आंच पहुंच सकती है। ऐसे में इस मामले की जांच अब सीबीआई को सौंप ही देनी चाहिए। वैसे भी पूर्व सीएम हरीश रावत आयोग के अध्यक्ष की जमकर पैरोकारी कर चुके हैं।
इधर, उत्तराखंड क्रांति दल ने सोशल मीडिया में फोटोज का कोलाज जारी किया है। इसमें हाकम को पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट, मौजूदा काबीना मंत्री धन सिंह रावत और सतपाल महाराज इस मास्टर माइंड बताए जा रहे हाकम सिंह के साथ इस अंदाज में दिखाई दे रहे हैं मानो उससे इनकी बहुत ही ज्यादा नजदीकी है। ये फोटोज ऐसे नहीं है, जिन्हें देखकर यह कहा जा सके कि नेताओं से तो लोग मिलते ही रहते हैं।