एक्सक्लुसिव

अगर सूचना चाहिए तो हिंदी में ही करें आवेदन

विस के बैकडोर भर्ती कार्मिक ने किया कारनामा

सूचना आयोग के निर्देश का दिया गया हवाला

समाजसेवी ने अंग्रेजी भाषा में किया था आवेदन

आईटीआई एक्टिवस्ट नदीम ने बताया गलत

देहरादून। विस में बैकडोर से भर्ती कार्मिक कितने काबिल हैं, इसका खुलासा आईटीआई में किए गए आवेदन में मिले जवाब से समझा जा सकता है। विस के अपीलीय अधिकारी ने आवेदन के इस आधार पर खारिज कर दिया कि वे अंग्रेजी भाषा में लिखा था। अधिकारी ने साफ लिखा कि अगर सूचना चाहिए तो हिंदी में आवेदन करें। अप्रत्याशित रूप से इसका आधार राज्य सूचना आयोग का निर्देश भी बताया गया है।

समाजसेवी अभिनव थापर ने विस सचिवालय से बैकडोर भर्ती के बारे में सूचनाएं मांगी थी। सूचना न मिलने पर थापर ने इसकी अपीलीय अधिकारी के पास अपील की। इस पर विस के उप सचिव और अपीलीय अधिकारी नीरज थापा ने थापर को एक पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि आपके द्वारा अनुरोध अंग्रेजी भाषा में किया गया है। जबकि राज्य सूचना आयोग की ओर से पूर्व में निर्देश दिए जा चुके हैं कि अगर अनुरोध पत्र अंग्रेजी में दिया जाता है तो इसे स्वीकार न किया जाए। आप प्रथम अपील का अनुरोध हिंदी में ही दाखिल करने का कष्ट करें। तभी उस पर विचार किया जा सकेगा।

इस मामले में थापर का कहना है कि वे सारी सूचनाएं अंग्रेजी में ही मांगते हैं। इसका एक्ट में भी प्रावधन है। चूंकि मांगी गईं ये सूचनाएं बैकडोर भर्ती के बारे में लिहाजा उपलब्ध कराने में हीलाहवाली की जा रही है।

आरटीआई एक्टिविस्ट और हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता नदीम उद्दीन का कहना है कि उत्तराखंड सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 6 (1) में साफ लिखा है कि कोई भी अनुरोध हिंदी या अंग्रेजी में किया जा सकता है। नदीम ने कहा कि राज्य सूचना आयोग का भी ऐसा कोई निर्देश नहीं है कि अंग्रेजी के अनुरोध स्वीकार न किए जाएं। वैसे में आयोग कोई भी निर्देश अधिनियम के खिलाफ कैसे दे सकता है।

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