सीएम धामी ने किया डीजीपी की पुस्तक साइबर एनकाउंर्स का विमोचन
पाठकों को साइबर क्राइम से बचने में मिलेगी मदद
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोसेफ एकेडमी में ‘‘साइबर एनकाउंटर्स’’ पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्तक डीजीपी उत्तराखण्ड अशोक कुमार एवं डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक श्री ओ.पी. मनोचा द्वारा लिखी गई है। सीएम धामी ने कहा कि इस पुस्तक के पाठकों को साइबर क्राईम से बचने में बहुत मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह पुस्तक बहुत महत्वपूर्ण विषय पर लिखी गई है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों का विश्लेषण करती और सत्य घटनाओं पर आधारित इस पुस्तक ने साइबर अपराधों से बचने में पाठकों को बहुत मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में जहां एक ओर सच्ची घटनाओं का जिक्र करते हुए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया है, वहीं दूसरी ओर पुस्तक मनोरंजक भी है। पुस्तक का एक-एक पृष्ठ लोगों को साइबर क्राइम से बचाव के लिए प्रेरित करने का कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुस्तक की पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी और दून विवि की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने समीक्षा की। इसकी प्रस्तावना फिल्म अभिनेता अभिताभ बच्चन ने लिखी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुस्तक के कुछ मुख्य अंशों का जिक्र भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि साइबर क्राइम आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती है और प्रदेश के डीजीपी द्वारा इस चुनौती के सम्बन्ध में जनता को जागरूक करना इस पुस्तक की प्रासंगिकता को और भी अधिक बढ़ा देता है। आज जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती जा रही है, वैसे-वैसे साइबर क्राइम का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है। साइबर अपराध पुलिस और अपराधियों के बीच कभी न खत्म होने वाला एक ऐसा खेल है, जिसमें दोनों ही एक दूसरे से आगे रहने की होड़ में रहते हैं। साइबर अपराध का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ना इस बात की ओर भी संकेत करता है कि अपराधी रोज नई-नई तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। पुलिस भी रोजाना नई-नई तकनीकों का सहारा लेकर अपराधियों के द्वारा बिछाये जा रहे इस जाल को तोड़ने का कार्य कर रही है।
लेखक डीजीपी अशोक कुमार ने साइबर अपराध से जुड़ी अनेक घटनाओं की जानकारी दी। साइबर अपराध से बचाव के लिए हमें किस प्रकार सतर्क रहना है, इसकी भी उन्होंने विस्तार से जानकारी दी। साइबर अपराध और उससे पार पाने के लिए हमारे सामने क्या चुनौतियां हैं, इसकी भी उन्होंने जानकारी दी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, पूर्व महानिदेशक अनिल रतूड़ी, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, प्रभात प्रकाशन से पियूष कुमार, डॉ. अलकनंदा अशोक, श्रीमती शक्ति मनोचा एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।