ब्यूरोक्रेसी

पुष्कर के तेवर भांप पहली बार मीडिया से रूबरू हुए अफसर

सीएम सरः इन्हें फील्ड में भेजकर समझिए हकीकत

तमाम अव्यवस्थाओं के बीच है चारधाम यात्रा

बस एसी कमरों से जारी किए जा रहे हैं निर्देश

डीजीपी के अलावा कोई अफसर नहीं फील्ड में

देहरादून। चुनाव से निपटने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा को लेकर हो रही फजीहत के बाद रुख कड़ा किया तो यात्रा की व्यवस्थाओं को जुड़े अफसर आ गए मीडिया के सामने। अब तक एसी कमरों में बैठकर निर्देश जारी करने वाले अफसरों ने सीएम के रुख के बाद मीडिया को अपनी-अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं। इसके बाद भी यह साफ नहीं है कि उनके पास रोडमैप क्या है। जरूरत इस बात की है कि मुख्यमंत्री इन अफसरों को एक सप्ताह के लिए बगैर किसी प्रोटकॉल के एक आम यात्री की तरह धामों में जाने का निर्देश दें।

वजह कुछ भी रही हो पर अब तक एक सौ से ज्यादा तीर्थयात्रियों की मौत पर पीएम दफ्तर भी गंभीर है। चुनाव खत्म होने के बाद सीएम धामी ने भी इस पर अपना रुख कड़ा किया है। आज रविवार को पर्यटन, स्वास्थ और सुरक्षा के अफसरों ने एक साथ मीडिया के बात की। अब तक एसी कमरों में बैठने वाले इन अफसरों ने एसी हॉल में मीडिया को यह समझाने की कोशिश की कि वे बहुत कुछ कर रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या किसी अफसर ने फील्ड में जाकर जमीनी हकीकत को समझा और आगे की बात की। इसका जवाब सिर्फ न में ही है। इतना जरूर है कि डीजीपी अशोक कुमार धामों की खुद दौरा कर चुके हैं और उसके अनुसार आगे का काम कर रहे हैं।

वास्तव में जरूरत इस बात की है कि चारधाम यात्रा से जुड़ी व्यवस्थाओं को लिए जिम्मेदार अफसर एक आम यात्री की तरह धामों का दौरा करें और देखें कि जमीन पर क्या दिक्कत है। अगर ये अफसर पूरे प्रोटाकॉल से जाएंगे तो इन्हें कुछ भी समझ में नहीं आने वाला। अब देखने वाली वाली यह होगी कि क्या सीएम इन एसी में बैठने वाले अफसरों को जमीनी हकीकत समझने के लिए एक आम आदमी की तरह धामों की यात्रा पर भेज सकेंगे।

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