12वीं पास छात्रों के लिए ख़बर, समर्थ पोर्टल से होंगे स्नातक के दाखिले
12वीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए प्रदेश के चार सरकारी विश्वविद्यालयों, उनसे संबद्ध सभी सरकारी, अनुदानित व निजी कॉलेजों में स्नातक दाखिलों के लिए समर्थ पोर्टल से पंजीकरण शुरू हो गए हैं। बुधवार को उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने इस पोर्टल का शुभारंभ किया।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत छात्र अब समर्थ पोर्टल पर पंजीकरण कराने के बाद प्रदेश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए अर्ह होंगे। उन्होंने बताया कि एक छात्र को दस से अधिक विकल्प चुनने का मौका मिलेगा। वह अपनी पसंद के हिसाब से अपने कोर्स का चुनाव कर सकेगा। यहां उसकी मेरिट बनने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय की तर्ज पर दाखिले होंगे।
एक छात्र को कई कॉलेजों में दाखिले का अवसर मिल सकेगा। इसके तहत प्रदेश के चार विश्वविद्यालयों, 119 सरकारी, 21 अशासकीय और इनसे संबद्ध सभी निजी कॉलेजों में दाखिले किए जाएंगे। छात्र अपने कंप्यूटर के अलावा मोबाइल से भी आवेदन कर सकेंगे। इसके आवेदन का शुल्क 50 रुपये तय किया गया है। मंत्री ने बताया कि प्रदेश के सभी कैंपस में जल्द ही रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का विकल्प भी दिया जाएगा।
25 मॉडल डिग्री कॉलेज बन रहे हैं। हर ब्लॉक में डिग्री कॉलेज बनाने का काम पूरा हो चुका है। चार ब्लॉक में जमीन की तलाश जारी है। मंत्री रावत ने कहा कि जिन क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की दिक्कत होगी, वहां के छात्र अपने कॉलेज में ऑफलाइन आवेदन जमा करा दें। कॉलेज के स्तर से इसे समर्थ पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इस अवसर पर सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, अपर सचिव प्रशांत आर्य भी मौजूद रहे।
– दून विश्वविद्यालय
– कुमाऊं विवि व इससे संबद्ध कॉलेज
– श्रीदेव सुमन विवि परिसर व संबद्ध सभी कॉलेज
– सोबन सिंह जीना अल्मोड़ा विवि व संबद्ध सभी कॉलेज
सबसे पहले समर्थ पोर्टल पर जाएं। यहां न्यू रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करें। अपना नाम, जन्मतिथि, ई-मेल, मोबाइल नंबर भरें और पासवर्ड डालें। आपका पंजीकरण होने के बाद यूजर नेम और पासवर्ड बन जाएगा। अब प्रोफाइल पर जाएं और अपनी डिटेल, फोटो, हस्ताक्षर व अन्य संबंधित दस्तावेज अपलोड करें। इसे सबमिट करें। ऑनलाइन फीस जमा करें। इसके बाद अपना आवेदन पत्र पूरा करें और सबमिट कर दें।
मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2030 तक 12वीं के बाद उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों की संख्या 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। उत्तराखंड में 12वीं के बाद 46 प्रतिशत से ज्यादा युवा उच्च शिक्षा ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि जनजाति के 52 प्रतिशत से ज्यादा, छात्राएं 47 प्रतिशत से ज्यादा, अनुसूचित जाति के छात्र 42 प्रतिशत से ज्यादा उच्च शिक्षा ले रहे हैं जो कि तमिलनाडु से भी अच्छा स्कोर है।
मंत्री ने बताया कि चूंकि छात्रों को पढ़ाई के लिए कम से कम 180 दिन का शिक्षण जरूरी है, इसलिए अब दीक्षांत समारोह भी एक माह के भीतर किए जाएंगे। राज्यपाल ने इस पर अपनी सहमति दे दी है। जल्द ही सभी विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह के लिए एक माह तय कर दिया जाएगा।
बताया कि सरकारी कॉलेजों, विवि में पढ़ने वाले छात्रों के लिए ई-ग्रंथालय तैयार किया गया है। मंत्री रावत ने बताया कि इसमें 20 लाख किताबें उपलब्ध हैं जो कि छात्र अपने मोबाइल पर कभी भी पढ़ सकेंगे।