विद्यार्थियों के प्रदर्शन का सही आंकलन करना जरूरीः प्रो. मीनू
एम्स में नर्सिंग शिक्षा पर सम्मेलन का आयोजन
ऋषिकेश। एम्स में कॉलेज ऑफ नर्सिंग के तत्वावधान में ‘नर्सिंग शिक्षा: मापन और मूल्यांकन’ विषयक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के वित्तीय सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन में देशभर से आए विषय विशेषज्ञों ने व्याख्यान माला प्रस्तुत की। इस मौके पर एम्स निदेशक प्रो, मीनू सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों के प्रदर्शन का सही और निष्पक्ष आंकलन बेहद जरूरी है।
नर्सिंग शिक्षा पर आधारित सम्मेलन का एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह और डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से विधिवत उद्घाटन किया। कार्यक्रम में उत्तराखंड नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार प्रोफेसर आरके शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि ने उम्मीद जताई कि सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाले प्रतिनिधियों विशेषज्ञों के व्याख्यान में बताई गई बातों व अनुभवों को अपने संस्थानों में लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि सीखने की प्रणाली को संशोधित करने और सुधारने के लिए अच्छी मूल्यांकन प्रक्रिया आवश्यक है।
कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि विद्यार्थियों के प्रदर्शन का सही और निष्पक्ष तरीके से आंकलन करना बहुत आवश्यक है। डीन एकेडमिक्स प्रो. जया चतुर्वेदी ने OSCE, OSLER, MINI CEX और 360 डिग्री मूल्यांकन जैसी शिक्षा में उपयोग की जाने वाली विभिन्न नई तकनीकों का उदाहरण दिया। प्राचार्य कॉलेज ऑफ नर्सिंग प्रोफेसर स्मृति अरोड़ा ने सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाले विशेषज्ञों, अतिथियों व नर्सिंग विद्यार्थियों का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि नर्सिंग विषय पर आधारित इस विशेष कार्यक्रम से इस पेशे से जुड़े लोगों व विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।
नर्सिंग सम्मेलन में शामिल हुए प्रख्यात वक्ताओं में एम्स नई दिल्ली की प्रिंसिपल प्रोफेसर लता वेंकटेशन, एम्स भोपाल की प्रिंसिपल डॉ. ममता वर्मा, एम्स कल्याणी की प्रिंसिपल प्रो पूनम जोशी, चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रिंसिपल प्रो. हरमीत कौर कांग, पीजीआईएम ईआर चंडीगढ़ की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मंजू डंदापानी, जिपमर पुडुचेरी की सहायक प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मी राममूर्ति आदि शामिल रहे।