क्या भाजपा के टिकट पर लोस चुनाव लड़ेगें कांग्रेसी विधायक ?

राष्ट्रपति चुनाव में कर चुके हैं ‘क्रास वोटिंग’
परिवार के लिए चाहते हैं विधायकी का एक ‘टिकट’
कांग्रेस नहीं तलाश पाई इस ‘ब्लैकशीप’ एमएलए को
देहरादून। अगर सियासी फिल्म पहले से लिखी जा चुकी स्क्रिप्ट के आधार पर ही आगे बढ़ी तो कांग्रेस के एक विधायक 2024 में भाजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। ये विधायक महोदय राष्ट्रपति के चुनाव में क्रास वोटिंग भी कर चुके हैं। मामला बस एक मुद्दे पर फंसा है कि वो चाहते हैं कि खाली होने वाली विधायक की सीट से उनके किसी परिजन को ही टिकट दिया जाए।
उत्तराखंड का सियासी आसमां बहुत ही छोटा है पर यहां के नेताओं को पंख लगे हुए हैं। हर कोई चाहता है कि उसे ही सबसे बड़ा माना जाए। ये बीमारी कांग्रेस में भाजपा से बहुत ज्यादा है। ऐसे ही हालात में सियासी गलियारों से छनकर आ रही एक खबर पर भरोसा किया जाए तो कांग्रेस के एक मौजूदा विधायक 2024 में लोकसभा का चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ सकते हैं।
बताया जा रहा है कि ये विधायक लंबे समय से प्रदेश कांग्रेस और खास तौर पर प्रदेश प्रभारी से बेहद खफा है। कांग्रेस पार्टी को इसका अहसास कराने के लिए उन्होंने राष्ट्रपति के चुनाव में क्रास वोटिंग भी की। ऐसा करके उन्होंने एक तीर से दो निशाने साधे। पहला तो प्रदेश प्रभारी को संदेश दिया कि उनकी नजरों में वे बेकार हैं। दूसरा भाजपा हाईकमान के प्रति अपनी निष्ठा भी जता दी। क्रास वोटिंग का मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने उस ब्लैक शीप विधायक को बेनकाब करने के तमाम दावे किए। पर उस नेता के कद के आगे पूरी कांग्रेस ही नतमस्तक हो गई।
सियासी जानकारों का कहना है कि भाजपा हाईकमान इस कांग्रेसी विधायक को लोकसभा का टिकट देने को तैयार है। जिस सीट से ये विधायक दावेदारी कर रहे हैं, उस सीट के मौजूदा सांसद की छवि बेहद खराब है और उनका टिकट कटना तय है। ऐसे में भाजपा को इस कांग्रेसी विधायक पर दांव खेलने में कोई आपत्ति भी नहीं है।
अब बात आगे की सियासत की। ये विधायक समझ चुके हैं कि कांग्रेस में रहते वे अपनी विरासत अपने किसी परिजन को आसानी से नहीं सौंप पाएंगे। ऐसा करने के लिए उन्हें सन्यास लेना पड़ेगा। लिहाजा विधायक जी चाहते हैं कि उनके इस्तीफे से खाली होने वाली सीट पर उनके परिजन को ही टिकट दिया जाए। इसके लिए वे यशपाल आर्य का तर्क भी दे रहे हैं। कांग्रेस छोड़ने पर भाजपा आर्य़ को दो टिकट दे सकती है तो उन्हें क्यों नहीं।
बहरहाल, इस सियासी चर्चा का सच तो आने वाले समय में ही सामने आएगे। पर इतना साफ दिख रहा है कि कांग्रेसी विधायक अपनी ही पार्टी की फजीहत करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं।