एक्सक्लुसिव

दून नगर निगम नहीं मानता सीएम की घोषणा और शासनादेश

सफाई कर्मियों को नहीं दे रहा पूरा पैसा

500 की बजाय साढ़े तीन सौ रोजाना की दर से भुगतान

पीएफ और ईएसआई के नाम पर 15 फीसदी की कटौती

ऋषिकेश और कोटद्वार कर रहे 500 की दर से भुगतान

पीएफ और ईएसआई के नाम पर नहीं है कोई भी कटौती

देहरादून। देहरादून नगर निगम की मनमानी का आलम यह है कि उसे शासनादेश की भी कोई परवाह नहीं है। जीओ के अनुसार आउटसोर्स सफाई कर्मियों को 500 रूपये रोज की दर से भुगतान होना पर निगम मात्र साढ़े तीन सौ रुपये की दर से पैसा दे रहा है। इसमें से भी ईएसआई और पीएफ के नाम पर 15 फीसदी पैसा काटा जा रहा है।

मुख्यमत्री घोषणा संख्या 140/2022  के अनुसार शासन ने पर्यावरण मित्रों का मानदेय बढ़ाते हुए 500 रुपये रोजाना कर इस बारे में शासनादेश तो 12-04-2022 को कर दिया गया। लेकिन इसका लाभ अभी भी नगर निकायों के सभी पर्यावरण मित्रों (सफाई कर्मचारियों) को नहीं मिल रहा है। इसका खुलासा आरटीआई से मिली जानकारी से हुआ है।

काशीपुर निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता और आरटीआई कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने इस बारे में सूचना मांगी थी। अपील के बाद देहरादून नगर निगम ने इस बारे में जानकारी दी है। नदीम को उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार आउटसोर्स के माध्यम से तैनात सफाई कर्मियों को शासनादेश दिनांक 12-04-22 के तहत 500 रोजना की दर से मानदेय कार्मिकों को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। यह भुगतान पुरानी दर 350 प्रतिदिन की दर से किया जा रहा है। इसमें से भी 13 प्रतिशत पीएफ तथा 3.25 प्रतिशत ईएसआई की कटौती की जा रही है।

कोटद्वार नगर निगम से मिली जानकारी के अनुसार सभी पर्यावरण मित्रों को 500 रुपये रोजाना के हिसाब से मानदेय दिया जा रहा है। साथ ही आउटसोर्स एजेन्सी को 13 फीसदी ईपीएफ तथा 3.25 फीसदी ईएसआई की धनराशि का अलग से भुगतान किया जा रहा है।

नगर निगम ऋषिकेश के लोक सूचना अधिकारी द्वारा नदीम को उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार पर्यावरण मित्र उपलब्ध कराने वाली आउटसोर्स एजेंसी को जुलाई 2022 से 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 13  फीसदी ईपीएफ, 3.25 प्रतिशत ईएसआई तथा 20 फीसदी डिवीडेट के भी भुगतान किये जा रहे है।

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