देहरादून के आलीशान रिजॉर्ट में पंचायतीराज का प्रशिक्षण चर्चा में…

देहरादून के आलीशान रिजॉर्ट में पंचायतीराज का प्रशिक्षण चर्चा में
निदेशक पंचायतीराज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
महासंघ ने भेजा मुख्यमंत्री को भेजा शिकायत पत्र
देहरादून।
उत्तराखंड में सरकारी बजट को कैसे बर्बाद किया जा रहा है।
इसका सबसे बड़ा उदाहरण पंचायती राज निदेशालय द्वारा आलीशान रिजॉर्ट सालवुड फॉरेस्ट रिज़ॉर्ट देहरादून ग्राम गलवाड़ी में आयोजित प्रशिक्षण का मामला चर्चा में आया है। मंहगे रिजॉर्ट में रहने, खाने तथा प्रशिक्षण में लाखो रुपए उड़ाने के जुगत में पंचायतीराज निदेशालय ने यह कारनामा किया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मितव्ययिता का उदाहरण पेश करते हुए मुख्य सेवक सदन में सरकारी कार्यक्रम आयोजित करते है। वहीं पंचायतीराज निदेशालय की निदेशक निधि यादव जंगल में बने मंहगे तथा आलीशान रिज़ॉर्ट में प्रशिक्षण करा कर सरकारी धन को लुटा रही है।

उत्तराखंड गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) महासंघ के राज्य संयोजक जगत सिंह मर्तोलिया ने मुख्यमंत्री को ईमेल से पत्र भेज कर इस मामले की का संज्ञान लेते हुए जिम्मेदार निदेशक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाने की मांग की।
ज्ञात रहे कि निदेशालय पंचायतीराज पंचायत के प्रतिनिधियों तथा कार्मिकों को प्रशिक्षण देने के लिए संस्थाओं के मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण देती है। आज तक देहरादून शहर के संस्कृति विभाग या अन्य सरकारी सभागारों में प्रशिक्षण होता था। शहर के सामान्य होटलो में रहने की व्यवस्था की जाती थी। कभी तो रहने की व्यवस्था भी नहीं होती थी।
इस बार पंचायतीराज निदेशालय उत्तराखंड की निदेशक निधि यादव ने इस बार प्रशिक्षण के लिए देहरादून से 16 किमी दूर एक आलीशान तथा मंहगे रिसोर्ट को चुना। रात्री निवास की व्यवस्था भी इसी रिजॉर्ट में किया गया है। 45 संस्थाओं के मास्टर ट्रेनर्स तथा पंचायतीराज निदेशालय के कार्मिक तीन दिन इस आलीशान रिजॉर्ट का मजा लेंगे। इस रिजॉर्ट में आज जाने के लिए भी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकारी धन को बचाने के लिए अधिक से अधिक कार्यक्रम मुख्य सेवक सदन में आयोजित करते है। अफसर शाही सामान्य स्थानों में होने वाले प्रशिक्षण को आलीशान रिजॉर्ट में आयोजित कर सीएम के प्लान को भी चिढ़ा रहे है।
महासंघ के राज्य संयोजक जगत सिंह मर्तोलिया ने कहा कि पंचायतीराज निदेशालय को 220 करोड़ रुपए खपाने है। इसलिए सामान्य प्रशिक्षण के लिए मंहगे तथा आलीशान रिज़ॉर्ट में प्रशिक्षण कराकर सरकारी धन को ठिकाना लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री इस फिजूल खर्ची की संस्कृति को तत्काल रोकते हुए शासन से एस.ओ.पी.जारी करे। उन्होंने उक्त कार्य के लिए निदेशक पंचायतीराज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी।