उत्तराखंड

भरोसा और असर: छात्र अभिभावक संघ ने बाल विवाह रुकवाने के लिए दी लिखित शिकायत

भरोसा और असर: छात्र अभिभावक संघ ने बाल विवाह रुकवाने के लिए दी लिखित शिकायत

उत्तराखंड।

जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहरवार के निर्देशन में रूद्रप्रयाग जनपद को बाल विवाह मुक्त कराने की दिशा में ज़िला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अखिलेश कुमार मिश्र और उनकी टीम की कोशिशों का असर दिखने लगा है। जनपद में वन स्टाप सेंटर ,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की टीम, चाईल्ड हेल्प लाइन और बाल संरक्षण इकाई की टीमों द्वारा योजनानुसार चरणबद्ध रूप से जनपद के सभी इंटर कालेजों, हाइ स्कूल, जूनियर स्कूलों में चलाए जा रहे संवेदनीकरण और जागरूकता कार्यक्रमों में ना केवल विभिन्न विभागीय योजनाओं की जानकारी दी जा रही है अपितु बाल विवाह से होने वाले नुकसान, उसके लिए दंड और जुर्माने की जानकारी के साथ ही बच्चों को इस बात के लिए प्रेरित किया जा रहा है कि अगर उनके आस पास कहीं पर किसी बालिका के 18 वर्ष और बालक के 21 वर्ष से कम आयु में विवाह की जानकारी मिलती है तो तत्काल चाईल्ड हेल्प लाइन के टोल फ्री 1098 या वन स्टाप सेंटर के कार्यालय नंबर 01364 297373 पर सूचना दें। सूचना देने वालों की जानकारी गुप्त रखी जाएगी। इस तरह की गम्भीर कोशिशों के कारण बच्चों, शिक्षकों में पैदा किए जा रहे विश्वास का असर दिखने लगा है। छात्र अभिभावक संघ राजकीय इंटर कॉलेज भीरी ने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को लिखित शिकायत दी कि विद्यालय में 9 वीं,10 वीं में पढ़ने वाली नाबालिक छात्राओं का ज़बरन विवाह उनके परिजनों द्वारा कराए जाने की कोशिश की जा रही है। दी गई जानकारी के आधार पर महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए जलई ग्राम सभा के अंतर्गत 3 नाबालिग़ बालिकाओं का विवाह रोका गया।

ज्ञातव्य है कि पिछले कुछ समय से जखोली और ऊखीमठ क्षेत्रांतर्गत महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग, रुद्रप्रयाग की टीम द्वारा 7 बाल विवाह रोके गए हैं। इसी क्रम में जलई में 3 नाबालिक बालिकाओं के विवाह की सूचना मिलते ही वन स्टॉप सेंटर से केंद्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट, बाल संरक्षण अधिकारी रोशनी रावत एवं चाइल्ड हेल्पलाइन के केस वर्कर अखिलेश सिंह द्वारा तुरंत उन बालिकाओं के घर जाकर परिजनों को समझाया गया कि बाल विवाह कानूनी अपराध है जिसके लिए उनको 2 साल का सख्त कारावास तथा 1 लाख का आर्थिक दण्ड दोनों से दंडित किया जा सकता है। साथ ही घरवालों को चेतावनी दी गई कि यदि उनके द्वारा किसी बालिका का बाल विवाह किया जाता है तो उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहरवार ने विभाग की टीम को शाबाशी देते ज़िला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया है कि संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से इन बालिकाओं पर निगरानी रखी जाए और अगर उनके अभिभावकों द्वारा पुनः इस तरह की हरक़त करने की कोशिश की जाए तो तत्काल उनके विरुद्ध विधि सम्मत कार्यवाही अमल में लाई जाए।

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