उत्तराखंड

उत्तराखण्ड : राज्य कर अधिकारी संवर्ग के पदों में कटौती का विरोध

उत्तराखण्ड में राज्य कर अधिकारी संवर्ग के पदों में कटौती का विरोध

उत्तराखंड।

“राज्य कर विभाग, उत्तराखण्ड के विभागीय ढांचे के पुनर्गठन में राज्य कर अधिकारी संवर्ग के पदों में कटौती न की जाए। ”

राज्य में जी०एस०टी० प्रणाली लागू होने के फलस्वरूप राज्य कर विभाग, उत्तराखण्ड के विभागीय ढांचे का पुनर्गठन प्रस्तावित है, जिस पर शासन स्तर पर कार्यवाही गतिमान है। संगठन के संज्ञान में आया है कि उक्त ढांचे में राज्य कर अधिकारी संवर्ग के पदों में कटौती किए जाने की प्रबल सम्भावना है।

विभागीय अधिकारी संवर्ग के प्रथम सोपान, राज्य कर अधिकारी के पद पर पदोन्नति में विभाग के तृतीय श्रेणी के कार्मिकों की भी हितधारिता है एवं राज्य के मूल निवासियों के राजकीय सेवा में अधिकारी संवर्ग में आगे बढ़ने के अवसर उपलब्ध होते हैं, जिन पर यह कटौती एक कुठाराघात के समान है तथा पदों में कटौती होने से कर्मचारियों की कार्यदक्षता एवं मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। अतः इस सम्बन्ध में “उत्तराखण्ड राज्य कर, वैयक्तिक सहायक / वैयक्तिक अधिकारी सेवा संघ” विभागीय कर्मचारी हित में किसी भी प्रकार की कटौती को स्वीकार न करते हुए, इसका कड़ा विरोध करता है तथा आग्रहपूर्वक निवेदन करता है कि राज्य कर अधिकारी संवर्ग के पदों में कटौती न की जाए एवं उक्त विषय पर संघ सकारात्मक कार्यवाही किए जाने की भी आपसे अपेक्षा करता है।

राज्य कर विभाग के नवीन / उच्चीकृत ढांचे में राज्य कर अधिकारी के पदों में कटौति / समाप्ति न की जाए

राज्य में जीएसटी लागू होने के पश्चात विभाग के पुनर्गठन हेतु वर्तमान में अधिकारियों का ढांचा राज्य कर, मुख्यालय द्वारा शासन को प्रेषित किया गया है, जिस पर वर्तमान में कार्यवाही शासन पर चल रही है।

उक्त के सम्बन्ध में संगठन के संज्ञान में आया है कि उक्त ढांचें में राज्य कर अधिकारियों के पदों में कटौती / समाप्ति किये जाने की सम्भावना है / की जा रही है ।

तृतीय श्रेणी कार्मिकों की लम्बी सर्विस के बाद पदोन्नति तृतीय श्रेणी से राज्य कर अधिकारी के पद पर होती है, जो कि राज्य के मूल निवासी होते हैं, यदि यह अवसर भी कर्मचारियों से छीन लिया जायेगा, तो कर्मचारी खाली हाथ ही रह जायेंगें और यह कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात होगा, जिससे कर्मचारियों का मानसिक उत्पीड़न होना अवश्यमभावी है। यदि संगठन के विरोध के बाद भी वर्तमान में राज्य कर अधिकारियों के स्वीकृत पदों में से एक की भी कटौती की जाती है, तो संगठन कर्मचारियों के हितों को सुरक्षित रखने के लिय आंदोलन हेतु बाध्य होगा, जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व राज्य कर, मुख्यालय एवं उत्तराखण्ड शासन का होगा।

संगठन निवेदन करता है कि राज्य कर अधिकारी के पदों पर किसी भी रूप में कोई कटौती न की जाये, जिसके लिये संगठन आपका आभारी रहेगा।

 

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