एक्सक्लुसिव

मोदी और शाह की है झपट्टामार सियासत

कांग्रेसी दिग्गज हरीश रावत ने अपने अंदाज में बयां की उत्तराखंड कांग्रेस की स्थिति

न्यूज वेट ब्यूरो

देहरादून। टीम प्रीतम को लेकर कांग्रेस में भले ही घमासान मचा है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इससे बेपरवाह अपने ही अंदाज में कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं। एक बातचीत में हरदा ने साफ कहा कि यह कैसे संभव है कि सभी लोग हर कार्यक्रम में मौजूद रहें। रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन सभी कांग्रेसियों की मंजिल तो एक ही है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी और शाह की झपट्टामार सियासत का तोड़ कांग्रेस को तलाशना होगा।

शनिवार को अपने आवास पर हरीश रावत ने न्यूज वेट से बात की। तमाम मुद्दों पर हरीश रावत ने अपने अंदाज में ही जवाब दिए। एक सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस बड़ा संगठन है। आपस में थोड़ा-बहुत तो चलता ही रहता है। आप कांग्रेस संगठन से अलग अपने कार्यक्रम कर रहे हैं, इस सवाल पर हरदा ने कहा कि यह कैसे संभव है कि सभी लोग हर कार्यक्रम में मौजूद रहें। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि शुक्रवार को वे रामनगर में युवाओं के दो कार्यक्रम में शामिल हुए और युवाओं ने चर्चा की। अब अगर कोई कहे कि वे अलग चल रहे हैं तो ठीक नहीं है। हरीश ने साफ कहा कि कोई कहीं काम करे। सभी का लक्ष्य तो कांग्रेस की सत्ता में वापसी का ही है और होना भी चाहिए।

कांग्रेस के सामने चुनौतियों के सवाल पर हरीश ने कहा कि हमें मौके बनाने होंगे। 2017 के विस चुनाव में कांग्रेस का वोट लगभग डेढ़ फीसदी बढ़ा। लेकिन अन्य दलों के वोट भाजपा के पक्ष में चले गए। हमें अपने परंपरागत वोट के साथ ही उन वोटरों पर फोकस करना होगा, जो किन्हीं वजहों से भाजपा सरकार से नाराज हैं। इस दिशा में सभी को काम करना होगा।

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत कहते हैं कि पार्टी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की झपट्टामार सियासत से भी पार पाना होगा। उन्होंने कहा कि गुजरात में कांग्रेस पूरी तरह से सरकार बना रही थी। लेकिन ऐन मौके पर एक लफ्ज नीच के आधार पर ही इन दोनों ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया। राजस्थान में लग रहा था कि कांग्रेस एकतरफा जीत रही है। लेकिन इनकी सियासत ने कांग्रेस को कड़ी चुनौती दी। नई दिल्ली के चुनाव में मुकाबला आप और कांग्रेस के बीच माना जा रहा था। लेकिन अब लग रहा है कि आप को भाजपा टक्कर दे रही है। कांग्रेस को इन दोनों की झपट्टामार सियासत का तोड़ तलाशना होगा।

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