उत्तराखंड

यमुनोत्री धाम में यात्रा के बेहतर संचालन को एसओपी जारी

यमुनोत्री धाम में यात्रा के बेहतर संचालन को एसओपी जारी

पुलिस और प्रशासन की संयुक्त रिपोर्ट पर डीएम मेहरबान का आदेश

आदेश

( अन्तर्गत धारा 144, दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 )

श्री यमुनोत्री धाम में पैदल यात्रा मार्ग पर यात्रियों के आवागमन को सुगम एवं शान्तिपूर्वक ढंग से सम्पादित कराये जाने हेतु घोड़े – खच्चर एवं डण्डी के सुचारू संचालन के संबंध में उप जिलाधिकारी, बड़कोट, पुलिस उपाधीक्षक, बड़कोट एवं अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत, उत्तरकाशी से रिपोर्ट प्राप्त की गयी। उक्त अधिकारियों द्वारा दिनांक 20.05. 2024 को उक्त के संबंध में अपनी संयुक्त रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी, जिसके क्रम में श्री यमुनोत्री धाम पैदल यात्रा मार्ग संकरा होने के कारण भीड़ नियन्त्रण, जानमाल के खतरे एवं यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत मैं डॉ० मेहरबान सिंह बिष्ट जिला मजिस्ट्रेट, उत्तरकाशी श्री यमुनोत्री धाम पैदल यात्रा मार्ग पर सुगम एवं सुविधाजनक आवागमन को सम्पादित किये जाने हेतु निम्नलिखित आदेश एतद्द्वारा पारित करता हूँ:-

1-जानकीचट्टी से यमुनोत्री एवं यमुनोत्री से जानकीचट्टी आने-जाने वाले घोड़े-खच्चरों की संख्या अधिकतम 800 निर्धारित की जाती है।

2-घोड़े-खच्चर के आवागमन का समय प्रातः 04:00 बजे से साँय 05:00 बजे तक निर्धारित किया जाता है।

3-घोड़े खच्चरों की संख्या 800 पूर्ण होने के पश्चात खच्चर उसी अनुपात में जानकीचट्टी से भेजे जायेगें, जिस अनुपात में यमुनोत्री से खच्चर वापस आयेगें।

4-प्रत्येक घोड़े – खच्चर के प्रस्थान, यात्री के दर्शन तथा वापसी हेतु कुल 05 घंटे का समय निर्धारित किया जाता है। 05 घंटे से अधिक कोई भी घोड़े- – खच्चर किसी भी दशा में यात्रा मार्ग पर नहीं रहेगा।

5-यदि घोड़े – खच्चर कम संख्या में है, तो उनको क्रमानुसार रोटेशन के आधार पर जाने दिया जायेगा।

6-यात्री द्वारा यमुनोत्री धाम पहुंचने पर दर्शन आदि के लिए 60 मिनट का समय निर्धारित किया जाता है। इस संबंध में मंदिर समिति से आपेक्षा की जाती है कि वे अपने स्तर से भी स्वयं सेवक (Volunteer ) तैनात करते हुए उक्त व्यवस्था का अनुपालन करवायें।

7-अपरिहार्य स्थिति को छोड़ते हुये घोड़ा / खच्चर संचालक 60 मिनट का इंतजार करने के पश्चात घोड़ा/खच्चर संचालक जिला पंचायत द्वारा घोड़ा पड़ाव में तैनात कर्मी से अनुमति प्राप्त कर यात्री के बिना वापस लौट आयेगा ।

8-प्रीपेड काउंटर पर ही पर्चियां काटी जायेगी व वहीं पर भुगतान की व्यवस्था की जाय तथा यात्रीगणों को लाउडस्पीकर के माध्यम से अवगत कराया जायेगा।

9-घोड़े – खच्चर का संचालन प्रीपेड काउंटर से ही किया जायेगा, अन्यत्र किसी भी स्थान से संचालन की अनुमति नहीं दी जाये।

10-जानकीचट्टी से यमुनोत्री एवं यमुनोत्री से जानकीचट्टी आने-जाने वाले डण्डी की संख्या अधिकतम 300 निर्धारित की जाती है।

11-डण्डी के आवागमन का समय प्रातः 04:00 बजे से साँय 04:00 बजे तक निर्धारित किया जाता है।

12-डण्डी के लिये आवागमन का समय 06 घंटा निर्धारित किया जाता है तथा 50 के लॉट में छोड़े जायेंगे। एक लॉट के छोड़े जाने के पश्चात दूसरा लॉट 01 घण्टे के अंतराल में रोटेशन अनुसार छोड़ा जायेगा ।

13-डण्डी का संचालन बिरला धर्मशाला से किया जायेगा अन्यत्र किसी भी स्थान से संचालन की अनुमति नहीं दी जाये ।

14-अपरिहार्य स्थिति को छोड़ते हुये डण्डी संचालक 60 मिनट का इंतजार करने के पश्चात डण्डी संचालक जिला पंचायत द्वारा घोड़ा पड़ाव में तैनात कर्मी से अनुमति प्राप्त कर यात्री के बिना वापस लौट आयेगा ।

15-श्री यमुनोत्री धाम में घोड़ा पड़ाव से आगे किसी भी दशा में घोड़ा / खच्चर एवं डण्डी को पूर्णतः निषेध किया जाता है।

16-यदि किसी व्यक्ति द्वारा इस आदेश का उल्लंघन किया जाता है, तो उसका यह कृत्य भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय होगा ।

उपरोक्तानुसार श्री यमुनोत्री धाम पैदल यात्रा मार्ग पर

घोड़े-खच्चर एवं डण्डी – कण्डी का संचालन तद्नुसार कराये जाने हेतु संबंधित विभाग एवं अधिकारीगण अपने स्तर पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे व यमुनोत्री पैदल यात्रा मार्ग पर सुगम एवं सुविधाजनक संचालन सुनिश्चित करायेंगे ।

यह आदेश आम जनता को सम्बोधित है। चूंकि वर्तमान में अधोहस्ताक्षरी के समक्ष ऐसी परिस्थिति नहीं है और ना ही सम्भव है कि इस आदेश की पूर्व सूचना प्रत्येक व्यक्ति को दी जा सके व उनका पक्ष सुना जा सके। अतः यह आदेश एकपक्षीय पारित किया जाता है।

यह आदेश आज दिनांक 20.05.2024 को मेरे हस्ताक्षर एवं न्यायालय की मुद्रा से जारी किया गया है।

निम्नांकित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित-

1- आयुक्त गढ़वाल मण्डल, पौड़ी।

2- पुलिस अधीक्षक, उत्तरकाशी।

3- अपर जिला मजिस्ट्रेट, उत्तरकाशी।

4- पुलिस उपाधीक्षक, बड़कोट ।

5- अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत, उत्तरकाशी।

6- मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, उत्तरकाशी।

7- उप जिलाधिकारी, डुण्डा / बड़कोट ।

8- अध्यक्ष / सचिव, यमुनोत्री मंदिर समिति, उत्तरकाशी।

 

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