ना कोई पुरुष बुरा, ना कोई महिला — उर्वशी दत्त बाली का प्रेरक संदेश

ना कोई पुरुष बुरा, ना कोई महिला
काशीपुर। बीते वर्ष 19 दिसंबर को जयपुर में आयोजित नेशनल ब्यूटी प्रेजेंट 2024 इंडिया प्लेटफार्म पर विनर बनकर अपने शहर काशीपुर का ऐतिहासिक रूप से नाम रोशन करने वाली उर्वशी दत्त बाली को यहां माता मंदिर रोड स्थित पापाज बेकर्स पर उत्तराखंड हिंदू वाहिनी संगठन महिला प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में, एक बार फिर से सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में उत्तराखंड इंप्रेस 2025 इंडिया प्राइम ब्यूटी की विजेता जय पांडे को भी सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि पापाज बेकर्स में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान D’Bali ग्रुप की डायरेक्टर और काशीपुर मेयर की धर्मपत्नी, उर्वशी दत्त बाली को डेढ़ साल बाद सम्मानित किए जाने का यह दूसरा मौका है। बाली ने
अपने शहर के लिए यह क्राउन जीतकर,एक बहु ने काशीपुर का नाम तो रोशन किया ही था साथ ही महिलाओं के लिए भी एक संदेश दिया था कि वह भी ऐसा कर सकती हैं, लेकिन अपने परिवार की सहमति लेकर।
उत्तराखंड हिंदू वाहिनी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष आनंद तिवारी और प्रदेश महामंत्री रुचि शर्मा तथा महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश उपाध्यक्ष हीरा देवी और जिला अध्यक्ष सोना सहित तमाम पदाधिकारियोंऔर कार्यकर्ताओं से भरे इस समारोह में सम्मान ग्रहण करते हुए उन्होंने भावुक शब्दों में कहा—
असल में काशीपुर की हर महिला ही सुंदर है। मुझे क्राउन सिर्फ इसलिए मिला क्योंकि मैंने वहां तक पहुँचने का साहस और मेहनत की।
वे अपना संस्मरण सुनाते हुए बताती है कि प्रतियोगिता के उन पाँच दिनों में परिवार से दूर रहना मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। 15 साल में मैंने कभी भी अपनी बेटी को अकेला नहीं छोड़ा था, बिजनेस के साथ-साथ अपनी बेटी को भी अपने साथ रखा है। हमेशा ही मैनेज किया,, मदद करने वाली महिला हमेशा साथ में रहती थी,पर हर पल मैं अपनी बेटी के साथ रही,,, एक दिन भी अकेला नहीं छोड़ा।
उन दिनों जिंदगी में पहली बार 5 दिन दीपक ने जिस तरह बेटी को संभाला और सब कुछ मैनेज किया, वह मेरे लिए हैरान करने वाला और गर्व का विषय था। इन पलों ने मुझे यह भी सिखाया कि जीवन में सपनों की उड़ान तभी आसान होती है, जब परिवार साथ खड़ा हो। और ये क्राउन सिर्फ मेरा ही नहीं,,,बल्कि काशीपुर की हर उस महिला और बहन का है,जो परिवार को साथ लेकर ,समाज में अपना मुकाम हासिल करते हैं।
मुंबई का अनुभव और करियर की झलक साझा करते हुए उर्वशी दत्त बाली कहती है कि ,,2010 में जब हमारी कंपनी D’Bali मूवीज़ ने मुंबई में फिल्म ‘दाल में कुछ काला है’ बनाई थी, तब मुझे जैकी श्रॉफ, बीना मलिक, शक्ति कपूर और विजय राज जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ रोज बैठने ओर काम करने का अवसर भी मिला ,,तब वहीं मैंने नज़दीक से देखा कि कितनी महिलाएँ और लड़कियाँ अपने परिवार के विरुद्ध जाकर सपनों को पूरा करने की कोशिश करती हैं लेकिन जब मंज़िल कठिन हो जाती है, आगे नहीं बढ़ पाती और बुरी तरह टूट जाती हैं,, सपने अधूरे रह जाते हैं, तो वही परिवार ही होता है जो उन्हें संभालता है।सच में जहां परिवार होता है वहां कोई नहीं।
पुरुष और महिला: एक-दूसरे के पूरक
अपने अनुभवों को साझा करते हुए उर्वशी दत्त बाली कहती है कि—
“मेरे जीवन का अनुभव यही कहता है कि न कोई पुरुष बुरा होता है और न कोई महिला। दोनों ही घर को बनाने और संभालने के लिए एक-दूसरे के पूरक हैं। नारी अकेले घर नहीं चला सकती और न ही कोई पुरुष अकेले, सच में अकेले-अकेले बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है,,,लेकिन जब दोनों अहंकार छोड़कर, समझदारी और सहयोग से साथ चलते हैं, तभी घर और रिश्ते मज़बूत रहते हैं। मेरा संदेश हर महिला और लड़की से यही है कि अपने सपनों को जरूर पूरा करें, लेकिन सबसे ऊपर परिवार और अपने रिश्तों को संजोकर रखें।
रिश्तों में सम्मान का महत्व:- बाली पुरुष–महिला संबंधों पर ज़ोर देते हुए कहती है कि
“पुरुष को प्रकृति ने शारीरिक रूप से मज़बूत बनाया है, चाहे आप जानवरों और पक्षियों में भी देखें,, मेल को हमेशा ताकतवर बनाया गया है, ताकि वह बाहर की कठिन परिस्थितियों,धूप, तूफ़ान और बारिश—में काम कर घर को चला सके। । लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि महिला की भावनाओं को नज़रअंदाज़ किया जाए। हर पुरुष को चाहिए कि वह महिला की बात को सम्मान दे, ,,,, जब दोनों एक-दूसरे को सम्मान देंगे, तभी घर और समाज मज़बूत बन पाएँगे।
अंत में उर्वशी दत्त बाली मुस्कुराते हुए कहती हैं—
“अक्सर कहा जाता है कि एक कामयाब आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है। लेकिन यह अधूरी सच्चाई है। पूरी सच्चाई यह है की अगर एक कामयाब आदमी के पीछे एक औरत का हाथ है, तो एक कामयाब औरत के पीछे भी एक समझदार और अंडरस्टैंडिंग पति का साथ होता है। तभी ज़िंदगी और रिश्ते दोनों मुकम्मल बनते हैं।