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‘दबाव’ में पलटते पोस्टिंग के आदेश

मनचाही जगह रहने में कुछ अफसरों को हासिल महारत

रोक के बाद भी आईएएस को पुर्ननियुक्ति

देहरादून। सरकार लाख दावा करे कि तबादला आदेश न मानने वालों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। लेकिन हकीकत यह है कि कुछ अफसर मनचाही पोस्टिंग के लिए तबादला आदेश रद करवा रहे हैं। इन्हें न निलंबन की परवाह है और न सरकार के आदेश की। हालात यह है कि शासन ने अपने ही आदेश को दरकिनार करके एक आईएएस अफसर को पुर्ननियुक्ति दे दी है।

कुछ तबादले आदेश का रद होना खासा सुर्खियों में है। पहले बात उत्तराखंड शुगर्स के महाप्रबंधक आरके सेठ की। इन महाशय को तमाम गंभीर आरोपों के चलते शुगर्स के जीएम पद से हटाया गया। सियासी दबाव बनाया तो तत्कालीन गन्ना सचिव चंद्रेश यादव ने इन्हें निलंबित कर दिया। आदेश में भी इनका जिक्र किया गया। लेकिन हालात देखिए कि गन्ना सचिव को इस विभाग के हटा दिया गया। नए सचिव हरबंश चुघ ने सेठ का न केवल तत्काल बहाल किया। बल्कि फिर से जीएम बना दिया।

इसी तरह का मामला रुड़की नगर निगम के सहायक नगर अधिकारी चंद्रकांत भट्ट का है। इन्हें मुख्यालय अटैच किया गया। लेकिन ज्वाइन नहीं किया। सियासी दबाव बनाया गया तो शहरी विकास निदेशक रयाल ने इन्हें निलंबित कर दिया। लेकिन अफसर के रसूख के आगे पूरे विभाग को झुकना पड़ा और इन्हें बहाल करके रुड़की में ही तैनात कर दिया गया। इतना ही नहीं, निगम में फिर से ज्वाइनिंग के बाद मेयर और पार्षदों ने भट्ट का बकायदा स्वागत भी किया।

एक पीसीएस अफसर हैं अभिषेक त्रिपाठी। ये जनाब लंबे समय से एनएचएम में ही जमे हैं। अटल आयुष्मान योजना में रहते ये महाशय खासी सुर्खियां बटोर चुके हैं। सरकार ने इन्हें एनएचएम ने हटाकर दिल्ली में स्थानिक आयुक्त बनाया गया था। लेकिन उन्होंने नए पद पर ज्वाइन ही नहीं किया। अब त्रिपाठी को एक बार फिर से एनएचएम में अपर निदेशक का पदभार दे दिया गया है। जाहिर है कि किसी जुगाड़ ने उन्होंने सरकार को अपना आदेश पलटने को मजबूर कर दिया।

एक और मामले में सरकार अपने ही आदेश से पलटी है। पिछले साल मुख्य सचिव ने एक आदेश किया था कि किसी भी अफसर या कर्मी को पुर्ननियुक्ति नहीं दी जाएगी। इस आदेश की वजह से तमाम प्रस्ताव रद भी किए गए। लेकिन आईएएस अफसर हरबंश चुघ को सरकार ने तीन माह के लिए पुर्ननियुक्ति दे दी है। बताया जा रहा है कि इस अफसर को गन्ना विभाग में कुछ बड़े कामों को अंजाम देने के लिए ही फिर ने नौकरी दी गई है।

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