सुरेश भट्ट उत्तराखंड के लिए कार्य़मुक्त
कुमाऊं के इस ब्राह्मण नेता की आमद से सहमे दिग्गज
हरियाणा भाजपा ने दी नेता को भव्य विदाई
आखिर किस पर गिरेगी इस आहट की गाज
देहरादून। 2017 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ही चर्चा में रहे कुमाउंनी ब्राह्मण सुरेश भट्ट को आखिरकार हाईकमान ने उत्तराखंड भेज ही दिया। दो दिनों से भट्ट का हरियाणा में विदाई समारोह चल रहा है। वो 21 को उत्तराखंड आ रहे हैं। अब सवाल ये है कि भट्ट की आमद से किसकी विदाई भी तय कर दी है भाजपा हाईकमान ने।
सुरेश भट्ट कुमाऊं के रहने वाले हैं और 15 सालों से हरियाणा में भाजपा और संघ के लिए काम कर रहे हैं। उनके निर्देशन में भाजपा 10 सालों से सत्ता में है। 2017 में उत्तराखंड में जनता ने भाजपा को प्रचंड बहुमत दिया तो सबसे पहले सीएम के लिए सुरेश भट्ट का ही नाम चला। पर बाद में भाजपा हाईकमान ने त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भरोसा जताया।
उसके बाद सियासी समंदर में कई नाविक आए पर डूब ही गए। महामंत्री संगठन जैसे ओहदे वाले को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी। पिछले कुछ दिनों की बात करें तो उत्तराखंड से राज्यसभा जाने की चर्चाओं के बीच प्रदेश प्रभारी को भी उत्तराखंड छोड़ना पड़ा। इसके बाद से ही सुरेश भट्ट का नाम चर्चा में है। सियासी जानकारों की माने तो भट्ट आजकल अमित शाह और मोदी के खास है। ऐसे में ये साफ है कि भट्ट इस बार किसी स्थानीय राजनीति का शिकार नहीं हो सकते। हाईकमान ने उन्हें उत्तराखंड के लिए कार्य़मुक्त किया है तो इसके पीछे तमाम निहितार्थ भी होंगे। अब देखने वाली बात ये होगी कि भाजपा हाईकमान अपने कुमाऊं के इस दिग्गज नेता को क्या जिम्मेदारी देती है। यहां बता दें कि हरियाणा में दो बार भाजपा की सरकार बनवाने का तमगा इन्हीं सुरेश भट्ट के पास है।
अहम बात ये भी है कि सुरेश भट्ट के उत्तराखंड में आने से कई लोगों की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। एक नेता ने ऑफ द रिकार्ड कहा कि आने वाले चंद दिनों में ही उत्तराखंड भाजपा और सरकार में अहम बदलाव दिखाई दे सकते हैं।