राजनीति

मंत्री के अजब ‘फरमान’, विभागीय अफसर और कर्मी ‘परेशान’

टूट रही पद की मर्यादा की ‘लक्ष्मण रेखा’ !

निजी धार्मिक आयोजन में खाद्य अफसरों को बुलाया

अब जलाभिषेक कर फोटो भेजने का दे दिया आदेश

बोली, किसी को कनपटी पर बंदूक रख नहीं बुलाया

कांग्रेस अध्यक्ष करन ने मुख्यमंत्री को लिखा खत

देहरादून। काबीना मंत्री रेखा आर्य के अजब फरमान और बयान से विभागीय अफसर और कर्मचारी परेशान और हैरान हैं। पहले निजी धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए अफसर से निमंत्रण भिजवाया और अब शिवलिंग पर जलाभिषेक करके फोटो व्हाट्सएप पर भेजने का फरमान जारी कर दिया। कांग्रेस अध्यक्ष करन महरा ने सीएम से शिकायत की तो मंत्री ने जवाब दिया कि किसी को कनपटी पर बंदूक रखकर तो नहीं बुलाया।

किसी न किसी मामले को लेकर सुर्खियों में रहने वाली काबीना मंत्री रेखा आर्य के अजब फरमानों से खाद्य और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी और कर्मचारी परेशान हैं। दरअसल, यूपी के बरेली में मंत्री के पति गिरधारी लाल साहू एक धार्मिक आयोजन कर रहे हैं। इसमें एक विशाल भंडारे की बात भी हो रही है। यहां तक तो कोई दिक्कत नहीं थी।

लेकिन खाद्य विभाग के अपर आयुक्त ने इस विभाग के पूरे प्रदेशभर के अफसरों और कार्मिकों को एक खत भेजा है। इसमें मंत्री के आय़ोजन वाले कार्यक्रम का आमंत्रण पत्र भी है। इसमें कहा गया है कि ये आमंत्रण हर किसी तक पहुंचाया जाए। कांग्रेस अध्यक्ष करन महरा ने इस आमंत्रण को सीधे तौर पर भ्रष्टाचार से जोड़ते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी को एक खत लिखा है। काबीना मंत्री रेखा आर्य से मीडिया ने कांग्रेस अध्यक्ष के आरोप पर सवाल पूछा। इस पर रेखा ने कहा कि किसी की कनपटी पर बंदूक रखकर तो नहीं बुलाया गया है। आमंत्रण भिजवाया गया है, जिसे आना हो वह आए और जो नहीं आना चाहता वो न आए।

काबीना मंत्री रेखा आर्य की ओर से सचिव को लिखा गया खत

यह मामला अभी शांत भी नहीं हो पाया था कि मंत्री रेखा ने महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव और निदेशक को एक और खत लिख दिया। इसमें उन्होंने अपनी कांवड यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि 26 जुलाई को विभागीय अधिकारी, कर्मचारी, आंगनवाड़ी, मिली आंगनवाड़ी कर्मी अपने नजदीक के मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक करेंगे। इस जलाभिषेक की तसवीर सभी कर्मियों के अपने सीनियर के व्हाट्सएप और विभागीय ई-मेल पर भेजनी होगी। यह विभाग का संकल्प है और सभी कर्मियों, अधिकारियों को इसे पूरा करना है।

अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि मंत्री के निजी धार्मिक आयोजनों में विभागीय अफसरों और कर्मियों की भागीदारी के आदेश क्यों दिए जा रहे हैं। क्या ये मंत्री पद की मर्यादा की लक्ष्मण रेखा को पार करने जैसा नहीं है। कांग्रेस ने गेंद मुख्यमंत्री के पाले में डाल दी है। अब देखने वाली बात यह होगी कि मंत्री के बरेली भंडारे में खाद्य विभाग से कितने अफसर और कर्मचारी पहुंचते हैं। दूसरी और शिव रात्रि पर महिला एवं बाल विकास के अधिकारी-कर्मचारी किस तरह से जलाभिषेक करके फोटो भेजते हैं।

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