देवस्थानम् बोर्ड हो स्थगितः सांसद भट्ट
मोदी की शीर्ष प्राथमिकता में है उत्तराखंड के चारधामों का विकास
इसी मंशा से राज्य सरकार ने बनाया है यह बोर्ड
भाजपा सांसद स्वामी भी है इस बोर्ड के खिलाफ
देहारादून। उत्तराखंड के चारधामों का विकास पीएम मोदी की शीर्ष प्राथमिकता से है। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए राज्य सरकार ने देवस्थानम् बोर्ड का गठन किया है। तीर्थ पुरोहितों की मांग पर पहले तो भाजपा के ही राज्यसभा सांसद डा. सुब्रहमण्यम स्वामी ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और अब भाजपा के ही लोकसभा सदस्य अजय भट्ट ने भी इस बोर्ड को स्थगित करने की मांग कर दी है।
सांसद भट्ट ने मीडिया ने बातचीत में कहा कि देवस्थानम् बोर्ड का तीर्थ पुरोहित विरोध कर रहे हैं। सरकार ने चारधाम समेत अन्य अन्य मंदिरों के विकास के लिए यह बोर्ड बनाया है। अब जब इसका विरोध हो रहा है कि इसकी खामियां दूर की जानी चाहिए। भट्ट ने साफ कहा कि जब तक इन खामियों को दूर नहीं किया जाता, इस बोर्ड को स्थगित कर दिया जाना चाहिए। यह एक मुद्दा बन गया है। सरकार एक्ट भलाई के लिए लाई है तो और उसमें बुराई सामने आ रही है कि मेरी राय में इसे खत्म ही कर देना चाहिए।
इससे पहले भाजपा के ही राज्यसभा सांसद डा. सुब्रहमण्यम स्वामी इस बोर्ड के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दाखिल कर चुके है। इस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। स्वामी ने पिछले दिनों एक ट्वीट में यह भी कहा है कि उत्तराखंड भाजपा का नैतिक पतन हो रहा है। हाईकोर्ट में उनकी याचिका के खिलाफ तर्क रखने के लिए भाजपा के लोग ईसाई संस्थाओं ने पैसा तक ले रहे हैं। स्वामी के इस ट्वीट के बाद से उत्तराखंड भाजपा खासी असहज है। अब सांसद अजय भट्ट भी स्वामी की ही भाषा बोलते दिख रहे हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चारधाम के विकास की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कर रहे हैं। चारधाम के लिए केंद्र सरकार आलवेदर रोड बनवा रही है। केदारधाम में ही विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं। इसी तर्ज पर चारधाम समेत अन्य मंदिरों के विकास के लिए राज्य सरकार ने देवस्थानम् बोर्ड का गठन किया है। पहले तीर्थ पुरोहित इसका विरोध कर रहे थे। अब भाजपा सांसद भी इस बोर्ड का विरोध कर रहे हैं।