बगैर एक्सटेंशन के ही वित्तीय पावर यूज कर रहे ब्रिटकुल के एमडी
न्यूज वेट ब्यूरो
देहरादून। ब्रिडकुल के एमडी की प्रतिनियुक्ति 31 जनवरी-2020 को खत्म हो चुकी है। सरकार ने इसे अब तक नहीं बढ़ाया है। इसके बाद भी एमडी वित्तीय अधिकार का मनमाने ढंग से उपयोग कर रहा है। इतना ही नहीं, एमडी का कहना है कि जब तक सरकार मना नहीं करेगी, वे अधिकारों का इस्तेमाल करते रहेंगे।
जी हां, कुछ खास अफसरों के चहेते ब्रिडकुल के एमडी इसी अंदाज में काम कर रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस सरकार के समय में मूल रूप से रेलवे के अधिकारी मनोज सेमवाल को प्रतिनियुक्ति पर तीन साल के लिए ब्रिडकुल का एमडी बनाया गया था। उस समय भी इस अफसर की नियुक्ति बगैर निर्धारित प्रक्रिया को अपनाए ही सीधे एमडी के पद पर पर दी गई थी। सरकार के समय में इनकी प्रतिनियुक्ति दो साल के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव राजभवन को भेजा गया था। लेकिन राजभवन ने महज एक साल के लिए ही 31जनवरी-2020 तक ही मंजूरी दी। साथ ही यह भी कहा गया कि इसके बाद प्रतिनियुक्ति नहीं बढ़ाई जाएगी।
सेमवाल की प्रतिनियुक्ति बीस दिन पहले खत्म हो चुकी है। इसके बाद भी वे न केवल दफ्तर जा रहे हैं, बल्कि अपने वित्तीय अधिकारों का भी प्रयोग कर रहे हैं। इस बारे में न्यूज वेट ने सेमवाल से बात की। उनका कहना था कि उनके मूल विभाग से प्रतिनियुक्ति अवधि एक साल और बढ़ाने का पत्र आ गया है। अब राज्य सरकार को यह तय करना है कि आगे क्या करेगी। उन्होंने बेबाक अंदाज में कहा कि कहीं कुछ गलत नहीं हो रहा है। जब तक सरकार उनसे काम करने के लिए मना नहीं करेगी, वे काम करते रहेंगे।
बताया जा रहा है कि सेमवाल को कुछ बड़े अफसरों का खुला संरक्षण मिला हुआ है। यही वजह है कि वो ये दावा सा करते दिख रहे हैं कि सरकार के मना करने तक ब्रिडकुल एमडी दफ्तर पर उनका ही कब्जा रहेगा।