अंदरखाने ‘सियासी चक्रवात’ बनाने की कवायद
- उत्तराखंड भाजपा में सामान्य नहीं बताए जा रहे अंदरूनी हालात
- सूबे के कई दिग्गजों ने मिला लिया है हाथ
- आलाकमान को समझाने की चल रही कोशिश
देहरादून। एक तरफ कांग्रेस का आपसी घमासान सामने दिख रहा है तो दूसरी और सत्तारूढ़ भाजपा में अंदरखाने सियासी चक्रवात बनाने की कवायद चलती बताई जा रही है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में इस चक्रवात का असर सूबे की सत्ता पर अपना असर दिखा सकता है।
उत्तराखंड में प्रदेश कांग्रेस की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। दूसरी ओर सत्तारूढ़ भाजपा में भी इसी तरह की स्थिति बनती दिख रही है। यह अलग बात है कि भाजपा में अंदरखाने खेल चल रहा है। भाजपाई सियासी गलियारों में चर्चा है कि कुछ दिग्गजों ने आपस में हाथ मिला लिया है। पुरानी अदावत को भुलाकर प्रदेश की सत्ता की ओर एक सियासी चक्रवात चलाने की तैयारी है। इनकी कोशिश है कि इस चक्रवात के माध्यम से सूबे की सत्ता को डगमगा दिया जाए।
नए बने इस सियासी गुट की कमान एक बड़े नेता के हाथ में बताई जा रही है। इस बड़े नेता की भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से खासी नजदीकी बताई जा रही है। इसी नेता की छत्रछाया में प्रदेश के कुछ और बड़े नेता भी आ चुके हैं। ये सभी मिलकर भाजपा हाईकमान को अपने अंदाज में 2022 के विस चुनाव का गणित समझा रहे हैं।
यहां बता दें कि झारखंड चुनाव का नतीजा आने के बाद एक दैनिक समाचार पत्र ने एक खबर प्रकाशित की थी। इसमें कहा गया था कि झारखंड की हार के बाद भाजपा हाईकमान अपनी पार्टी की सरकारों के कामकाज की समीक्षा करने वाली है। अगर जरूरत महसूस की गई तो सूबों में नेतृत्व परिवर्तन पर भी विचार किया जा सकता है। इसके बाद से ही प्रदेश भाजपा में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था। इसके बाद किसी एक समाचार पत्र में राज्य में नेतृत्व परिवर्तन विषयक खबर छपी। इसकी कटिंग को जबरदस्त ढंग से वायरल कर दिया गया। अब भाजपा में चक्रवात बनाने की कोशिशों की चर्चाएं यह इशारा कर रही है कि प्रदेश भाजपा में सबकुछ सामान्य नहीं चल रहा है।
10 को अमित शाह के आने की चर्चा तेज
इसी बीच एक और चर्चा तेज हो रही है कि 10 जनवरी को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह देहरादून आने वाले हैं। कहा जा रहा है कि शाह देहरादून आकर सरकार और संगठन के कामकाज की समीक्षा करने के साथ ही विधायकों से भी मुलाकात करेंगे।