तस्वीर का सच

‘बुरी आदतों’ से सरकार ने कमाए 2483 करोड़

उत्तराखंड में शराब,बीड़ी, सिगरेट की बढ़ रही खपत

सेल्स टैक्स के नाम सरकार कमा रही करोड़ों

कारोना काल में भी शराब के टैक्स में भारी वृद्धि

इसके अतिरिक्त है अऱबों का आबकारी राजस्व

देहरादून। धूम्रपान और मद्यपान  जैसी बुरी आदतों से भले ही आम जनता को नुकसान हो रहा हो। लेकिन सरकार की टैक्स कमाई में इससे भारी इजाफा हो रहा है। उत्तराखंड सरकार को राज्य गठन के बाद से शराब, बीड़ी तथा सिगरेट आदि की बिक्री पर टैक्स के रूप में 2482 करोड़़ 88 लाख की कमाई हुई है। अरबों रुपये का आबकारी राजस्व इसके अतिरिक्त है। आबकारी यह खुलासा सूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी से हुआ है।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट नेे आयुक्त कर कार्यालय वाणिज्य कर मुख्यालय से प्रदेशभर में शराब, बीड़ी, सिगरेट पर वसूले गए टैक्स राजस्व की धनराशियो की सूचना मांगी थी। इसके जवाब में नदीम को बताया गया कि उत्तराखंड गठन के बाद वर्ष 2001-02 से फरवरी 2021 तक केवल शराब पर विभाग ने 1908.54 करोड़ टैक्स वसूला है। चौकाने वाली बात यह है कि वर्ष 2020-21 में कारोना काल के 11 महीनों में 2019-20 के 12 महीनों भी 16 करोड़ रूपये अधिक टैक्स वसूला गया है। इसके अतिरिक्त सिगरेट, सिगार और तम्बाकू उत्पादन पर वर्ष 2010-11 से जीएसटी लागू होनेे (जून 2017 तक) 574.34 करोड़ टैक्स वसूला गया है। इसी प्रकार बीड़ी पर 2010-11 से 2017-18 (जून 2017 तक) 58.51 करोड़  रूपये वैट/सैल्सटैक्स वसूला गया है।

नदीम को उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार शराब के टैक्स राजस्व 2001-02 के कुल 15.9 करोड़ से 2020-21 में लगभग 15 गुणा होकर 235.26 करोड़ हो गया है।

नदीम को उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार सिगरेट, सिगार से भी राज्य सरकार की कमाई में वृद्धि हुई है। वर्ष 2010-11 में जहां 28.75 करोड़ रूपये की कमाई हुई वह 2016-17 में लगभग सात गुणा होकर 163.27 करोड़ रूपये हो गयी। 2011-12 में 29.25, 2012-13 में 66.91, 2013-14 में 63.83, 2014-15 में 73.31, 2015-16 में 107,55 तथा 2016-17 में 163.27 तथा 2017-118 में जून तक 41.47 करोड़ रूपये के टैक्स/वैैट की वसूली हुई। बीड़ी पर 2010-11 में जहां केवल 6.27 करोड़ रूपये की टैक्स वसूली हुई वह 2016-17 में 170 प्रतिशत होकर 10.68 करोड़ हो गयी।  2011-12 में 8 करोड़, 2012-13 में 13.45 करोड़, 2013-14 में 2.4 करोड़, 2014-15 में 3.56 करोड़, 2015-16 में 11.51 करोड़ ततथा 2016-17 में 10.68 करोड़ तथा 2017-18 (जून 17 तक) में 2.64 करोड़ टैक्स की वसूली हुई है।

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