एक्सक्लुसिव

दून-दिल्ली एलीवेटेड एक्सप्रेस हाई-वे पर पेंच

सहारनपुर के गणेशपुर से मोहंड तक के लिए बने  नया प्रस्तावःवन विभाग

करीब छह किमी. की दूरी में वन्य जीवों का काफी है मूवमेंट

दून के राजाजी से वन्य जीवों की सहारनपुर तक है आवाजाही

नवीन पाण्डेय

देहरादून। देहरादून से दिल्ली के सुहावने सफर पर सहारनपुर वन वृत ने वन्य जीवों के हितों का हवाला देकर कार्य की मंजूरी पर पेंच फंसा दिया है। वन विभाग सहारनपुर ने गणेशपुर से मोहंड तक एलीवेटेड सड़क की मांग की है। ताकि वन्य जीवों और पर्यावरण को बचाया जा सके।

देहरादून से दिल्ली के बीच एलीवेटेड एक्सप्रेस हाई-वे को केंद्र से मंजूरी मिल चुकी है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को काम सौंपा गया है। कुछ सैद्धांतिक दिक्कतें आईं तो केंद्र और उत्तराखंड सरकार ने मिलकर दूर कर ली। पुराने हाई-वे की बात करें तो दिल्ली से देहरादून आने के लिए करीब 250 किमी. की दूरी तय करनी पड़ती है। ऩए लेकिन एलीवेटेड एक्सप्रेस वे में यह दूरी 180 किमी. ही रह जाएगी।

एलीवेटेड सड़क के प्रस्ताव में एनएचआई ने प्रस्ताव दिया गया था कि जंगल और जीवों के लिए भी मार्ग दिया जाएगा, पर जब इसका विस्तृत अवलोकन किया गया तो वन विभाग की ओर से वन्य जीवों की सुरक्षा और पेड़ों के कटान को कम से कम करने को लेकर एनएचआई को हाल ही में प्रस्ताव भेजा गया है। सहारनपुर वन वृत की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि एलीवेटेड एक्सप्रेस हाईवे में कुछ किमी. का दायरा और एलीवेटेड कर दिया जाए ताकि वन्य जीव सुरक्षित निकल सकें और आवागमन में भी किसी तरह की दिक्कत नहीं हो।

अब वन विभाग और एनएचआई के बीच इसे लेकर मंथन हो रहा है। ताकि वन्य जीव, पर्यावरण सुरक्षित रह सके और विकास में भी कोर्ई बाधा नहीं आए। लेकिन इतना तय है कि देहरादून से दिल्ली एलीवेटेड हाईवे का सफर का इंतजार अब लंबा हो जाएगा।

बिना बदलाव के प्रस्तावित सड़क की लागत

देहरादून। अक्षरधाम से ईस्टर्न पेरिफिरल एक्सप्रेस वे की लागत करीब 3250 है। करीब 31 किमी. का यह पहला फेज होगा। दूसरा फेज 118 किलोमीटर का होगा। इसकी लागत करीब 4830 करोड़ होगी। तीसरा फेज जो फाइल सेप देगा वो करीब 20 किमी. से अधिक होगा और यही फाइल सेप वाले एलीवेटेड एक्सप्रेस हाईवे पर यूपी वन विभाग ने पेंच लगा दिया है। एलीवेटेड एक्सप्रेस वे सहारनपुर जनपद के गणेशपुर से शुरू होकर देहरादून तक जाएगा।

वर्तमान सड़क और प्रस्तावित एक्सप्रेस वे

देहरादून। अभी दिल्ली से देहरादून आने के लिए दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, मुज्जफरनगर, रूडकी होकर देहरादून पहुंचते हैं। प्रस्तावित एलीवेटेड सड़क दिल्ली से सीधे बागपत होकर सहारनपुर पहुंचेगी और फिर देहरादून। इससे महज ढाई घंटे में दिल्ली से देहरादून पहुंचना संभव हो सकेगा।

संजय कुमार,कमिश्नर, सहारनपुर

यह तय है कि प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद देश की राजधानी दिल्ली से पहाड़ी राज्य देहरादून की कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी। एलिवेटेड रोड उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड दोनों राज्यों के विकास और पर्यटन में अहम भूमिका निभाएगा। फिलहाल के प्रस्ताव में तीन चरणों में इस पर काम होना है। सहारनपुर अंतर्गत जंगल का कुछ किमी. एरिया एक्सप्रेस वे के दायरे में आ रहा है। जिस पर वन विभाग की कुछ आपत्ति है, लेकिन इस बारे में एनएचआई और वन विभाग के बीच संवाद स्थापित कर और वन्य जीवों और विकास दोनों भूमिकाओं को साथ रखकर मार्ग निकाल लिया जाएगा।- संजय कुमार, आयुक्त, सहारनपुर मंडल

वीके जैन, मुख्य वन संरक्षक

विकास में वन विभाग बाधा कभी नहीं बनता पर हमारी जिम्मेदारी है कि हम पहले वन्य जीवों और पर्यावरण को ध्यान में रखेंगे फिर मंजूरी देंगे। इसका कुछ हिस्सा सहारनपुर जनपद के जंगलों से गुजरेगा। यहां वन्य जीवों का बड़ा गलियारा है। राजाजी टाइगर रिजर्व से वन्य जीवों की आवाजाही होती रहती है। तेज रफ्तार की वजह से कई वन्य जीव जान गंवा चुके हैं। दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीव भी रफ्तार के शिकार हुए हैं। अभी हाल ही में कॉमन करैत, पॉम सिवेट सड़क पर कुचलकर मर चुके हैं। चीतल, सांभर, नील गाय सहित कई छोटे जीव भी रफ्तार के शिकार हो चुके हैं। लिहाजा एनएचआई को कहा गया है कि सहारनपुर के गणेशपुर से मोहंड के बीच के करीब छह किमी. तक एलीवेटेड सड़क का नया प्रस्ताव लाए। वीके जैन, मुख्य वन संरक्षक, सहारनपुर वन वृत्त

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