प्रीतम की सफाई से संतुष्ट नहीं हरीश रावत का खेमा
न्यूज वेट ब्यूरो
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस में मचे घमासान को थामने के लिए अध्यक्ष और प्रभारी ने मुख्यालय के एक बाबू को आगे किया है। लेकिन हरीश खेमा यह मानने को ही तैयार नहीं है कि एक बाबू इतनी हिमाकत कर सकता है। वैसे में हरीश खेमे को प्रदेश इकाई में शामिल किए गए तमाम नामों पर एतराज है। ऐसे में यह विवाद फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है।
प्रदेश कांग्रेस की जंबो कार्यकारिणी के बाहर आते ही दोनों खेमों में घमासान मचा है। अध्यक्ष प्रीतम और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश दोनों ही हरीश रावत खेमे के निशाने पर हैं। इस खेमे का कहना है कि हरीश रावत का विरोध करने वालों को इस टीम में तरजीह दी गई है और उनके समर्थकों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। हरीश खेमे के माने जाने वाले विधायक हरीश धामी सबसे ज्यादा मुखर हैं।
मामला तूल पकड़ा तो प्रीतम की ओर से कहा गया कि कांग्रेस मुख्यालय के एक बाबू की गलती की वजह से विधायक धामी का नाम सचिव के तौर पर लिख गया था। इसे ठीक करवा दिया गया और धामी को अन्य विधायकों की तरह ही विशेष आमंत्रित सदस्यों की श्रेणी में रखा गया है। प्रीतम की ओर से एक बाबू को जिम्मेदार बताकर मामला शांत करने की कोशिश की गई।
लेकिन हरीश खेमे की नाराजगी बरकरार है। इस खेमे का कहना है कि प्रदेश इकाई के लिए हरीश रावत की ओर से दिए गए अधिकांश नाम गायब है। इतना ही नहीं, पिछले चुनाव में कांग्रेस के बगावत करने वाले हरीश विरोधियों को प्रदेश इकाई में महत्वपूर्ण ओहदे दे दिए गए हैं। यह सब हरीश रावत को प्रदेश की सियासत से बाहर धकेलने की साजिश है। जब तक इन बातों का हल नहीं निकाला जाता, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।