एसडीसी फाउंडेशन अब गढ़वाल विवि के साथ मिलकर करेगा काम
एसडीसी फाउंडेशन अब गढ़वाल विवि के साथ मिलकर करेगा काम
वेस्ट मैनेजमेंट, क्लाइमेट चेंज, सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल में मिलकर काम करने को एमओयू
देहरादून। वेस्ट मैनेजमेंट और क्लाइमेट चेंज जैसे मसलों पर कार्यरत देहरादून स्थित एसडीसी फाउंडेशन अब श्रीनगर, गढ़वाल स्थित हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) के साथ मिलकर वेस्ट मैनेजमेंट, क्लाइमेट चेंज, सस्टेनेबल डेवलपमेंट आदि के क्षेत्र में काम करेगा। इस आशय के एमओयू पर गढ़वाल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और डीन एवम डायरेक्टर, सेंटर फॉर माउंटेन टूरिज्म प्रो. राकेश कुमार ढोडी और एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने श्रीनगर में एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
इस समझौते के अनुसार हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय और एसडीसी फाउंडेशन सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल, क्लाइमेट चेंज, वेस्ट मैनेजमेंट, सर्कुलर इकॉनमी, सस्टेबल अरबनाइजेशन और जन सहभागिता के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। दोनों मिलकर उत्तराखंड में लोगों में वैज्ञानिक चेतना के विकास और जन जागरूकता के लिए भी काम करेंगे। इसके साथ ही जन मुद्दों को लेकर सोशल ऑडिट भी किया जाएगा, जिसे उत्तराखंड राज्य में इन मसलों पर नीति निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
समझौता अवधि के दौरान दोनों पक्ष शोध, शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही प्रमुख तौर से ठोस, प्लास्टिक और ई-कचरा निस्तारण के क्षेत्र में भी मिलकर काम करेंगे। विभिन्न क्षेत्रों में जन भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए दोनों पक्ष काम करेंगे। इसके तहत संवाद, सेमीनार, वर्कशॉप आदि का भी आयोजन किया जाएगा। इन गतिविधियों को इस तरह से तैयार किया जाएगा, ताकि उत्तराखंड और हिमालयी राज्यों में नीति निर्माण में सहयोग मिल सके।
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रो. राकेश कुमार ढोडी ने इस समझौते को एक रचनात्मक पहल बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि एसडीसी फाउंडेशन के साथ मिलकर वेस्ट मैनजेमेंट और सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल सहित विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर कार्य होगा, जो आने वाले समय में पर्वतीय इलाकों, राज्य और समाज के लिए हितकारी साबित होगा।
एसडीसी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने कहा कि उनकी संस्था के लिए यह प्रसन्नता और गर्व की बात है कि उन्हें राज्य के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ काम करने का मौका मिल रहा है। श्रीनगर शहर गढ़वाल क्षेत्र में सबसे प्रमुख गंगा टाउन होने के अलावा चार धाम रूट पर सबसे बड़ा शहर है। उन्होंने कहा कि तमाम कार्यों के साथ प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। इसमें प्लास्टिक बैंकों की स्थापना भी शामिल है। गढ़वाल विश्वविद्यालय और वहां के छात्र, छात्राओं के साथ मिलकर इस समस्या को हल करने की दिशा में काम किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि एसडीसी फाउंडेशन एयर बस कंपनी के सहयोग से देहरादून में अब तक 130 से अधिक प्लास्टिक बैंक स्थापित कर चुका है।