उत्तराखंड

हारकर भी उत्तराखंड का दिल जीत गए सरबजोत

हारकर भी उत्तराखंड का दिल जीत गए सरबजोत

राष्ट्रीय खेलों में उलटफेर का शिकार हुए पेरिस ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता

-त्रिशूल शूटिंग रेंज की मजबूत ब्रांडिंग कर गए सरबजोत
-प्रशंसकों से जिस आत्मीयता से मिले, वो भी पसंद आया

देहरादून : 3 फरवरी। हार के डर से मैदान छोड़नेे वाला असल खिलाड़ी नहीं हो सकता। सरबजोत सिंह बनने के लिए हार के डर को कहीं दूर रखना होता है। राष्ट्रीय खेलों में दस मीटर की शूटिंग स्पर्धा में सरबजोत सिंह इस डर को किनारे रखकर ही उतरे। हालांकि सोमवार को फाइनल में इतना बड़ा उलटफेर हो जाएगा, इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले सरबजोत सिंह का चैथे स्थान पर खिसकना सबको हैरान कर गया। फाइनल में जीत कर कर्नाटक के जेजी एंथनी ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

इन स्थितियों के बीच, सरबजोत सिंह फाइनल हारकर भी उत्तराखंड का दिल जीत गए। पहली बात, ओलंपिक में पदक जीतने के बावजूद वह राष्ट्रीय खेलों में शामिल हुए। दूसरा, उन्होंने यहां की त्रिशूल शूटिंग रेंज की जिस तरह से तारीफ की, वह उत्तराखंड के लिए किसी तोहफे से कम नहीं रहा। सरबजोत सिंह जैसे बडे़ शूटर के राष्ट्रीय खेलों में शिरकत करने से मेजबान उत्तराखंड भी उत्साहित रहा।

आगे निकलकर भी गुरूप्रीत नहीं जीत पाए स्वर्ण
-एसएससीबी के गुरूप्रीत सिंह शूटिंग की दस मीटर की स्पर्धा के फाइनल में सरबजोत सिंह से एक स्थान आगे रहे। यानी उन्होंने कांस्य पदक जीता। वह भी एक तरह से उलटफेर का शिकार हुए, क्योंकि जिस हिसाब से उनका कद है, उसमें उन्हें स्वर्ण पदक का दावेदार माना जा रहा था। वर्ष 2010 में भारत में हुए काॅमनवेल्थ गेम में निशानेबाजी की दो स्पर्धाओं गुरूप्रीत ने दो स्वर्ण पदक जीते थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button