‘गलत लग्न में पड़ी उत्तराखंड की नींव’

कुर्सी छिनने का इन लफ्जों में निकला त्रिवेंद्र के दिल का दर्द
सोशल मीडिया में वायरल है पूर्व सीएम का वीडियो
देहरादून। सत्ता की कुर्सी अचानक छिनने का दर्द त्रिवेंद्र सिंह रावत के दिल में अभी भी है। अपने दर्द को लफ्जों में त्रिवेंद्र ने कुछ अंदाज में बयां किया है। त्रिवेंद्र का कहना है कि इस उत्तराखंड की नींव गलत लग्न में पड़ी। पूर्व सीएम के इस बयान वाला वीडियो सोशल मीडिया में खासा वायरल हो रहा है।
मार्च के पहले सप्ताह में त्रिवेंद्र गैरसैंण में विस सत्र में मशगूल थे। उन्हें इस बात आभास भी न रहा होगा कि चंद दिनों बाद ही वो पूर्व होने वाले हैं। लेकिन भाजपा हाईकमान के दिल में तो कुछ और ही था। त्रिवेंद्र सदन में गैरसैंण को कमिश्नरी घोषित करने का श्रेय लेने की जुगत में थे तो हाईकमान ने उनकी विदाई की पटकथा लिख डाली।
आनन-फानन में विधायक दल की बैठक हुई और सांसद तीरथ सिंह को नया मुखिया चुन लिया गया। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद त्रिवेंद्र ने अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में साफ किया कि उन्हें नहीं पता क्यों हटाया गया है। इसका जवाब तो दिल्ली से ही मिल सकता है। इसके बाद भी उनके कई बयान आए जिससे लगा कि वे अचानक सत्ता की कुर्सी छीने जाने से आहत हैं।
शनिवार सुबह से उनका एक वीडियो सोशल मीडिया में खासा वायरल हो रहा है। इस वीडियो में त्रिवेंद्र यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि ऐसा (सीएम की विदाई) तो उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही हो रहा है। त्रिवेंद्र और आगे कहते सुनाई दे रहे हैं कि इस उत्तराखंड के गठन की नींव गलत लग्न में पड़ी है। अब सवाल यह है कि ऐसा करके त्रिवेंद्र किस पर हमला कर रहे हैं। अहम बात यह भी है कि इस देवभूमि उत्तराखंड का गठन स्व. अटल बिहारी वाजपेई के समय में हुआ था। क्या अटल जी को लग्न देखना चाहिए थी। वैसे एक बात तो साफ है कि राज्य गठन को 20 साल हो चुके हैं और इस राज्य को अब तक 20 मुख्यमंत्री मिल चुके हैं। स्व. एनडी तिवारी को छोड़कर भाजपा हो या कांग्रेस कोई भी सीएम पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है। त्रिवेंद्र सरकार के पास प्रचंड बहुमत था। इसके बाद भी उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी। इससे पहले की सरकारें तो जुगाड़ वाली ही रही हैं। हो सकता है कि इसी वजह से त्रिवेंद्र के दिल का दर्द जुबां पर आ गया हो।
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