उत्तराखंड

बाजपुर आंदोलन: अब 13 सितंबर से क्रमिक भूख हड़ताल

जमीन पर हक लेने को किसी भी हद तक जाने को तैयार आंदोलनकारी

बाजपुर : 20 गांव भूमि प्रकरण पर शासन की उपेक्षा और अनदेखी से अजिज आ कर शान्तिपूर्ण आन्दोलन कर रहे आन्दोलनकारियों ने अपना गेयर बदल दिया है। आज हुयी पंचायत में तय किया गया कि 13 सितम्बर से क्रमिक भूख हड़ताल शुरु की जायेगी तथा 20 सितम्बर को निकाली जायेगी ट्रैक्टर रैली। इस के बाद भी बात नही मानी गयी तो महापंचायत बुलाने का निणर्य लिया जायेगा। पिछले 41 दिनो से प्रदेश सरकार के आश्वासनो पर शान्तिपूर्ण आन्दोलन चला रहे बीस गांव भूमि बचाओ आन्दोलनकारियों का सब्र आज आयोजित पंचायत में टूट गया।

इस अवसर पर भारी बरसात के बावजूद अंशन स्थल पर पहुंचे सैंकड़ो प्रभावित और पीड़ित महिलाओं और पुरुषों ने शक्तिप्रर्दशन कर अपनी एकजुटता और आन्दोलन के प्रति अपनी मनोदशाओं का प्रर्दशन किया। भारी हंगामे और वक्ताओं के सम्बोधनो के बीच इस बात पर गहरा आक्रोश प्रकट किया गया कि आज आन्दोलन को शान्तिपूर्ण चलाये जाने के 41 दिन बीत जाने के बावजूद शासन जरा भी टस से मस नही हुआ है।

वक्ताआंे ने कहा कि आन्दोलन को चला रहे बुजुर्ग लोगों और वरिष्ठ लोगों के निर्देषों पर युवाओं ने बेहद शान्ति के साथ आन्दोलन को चलाया है पर सरकार के कानो पर कोई जूं नही रैंगी है। युवा वक्ताओं ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि आन्दोलन को चलाने वाले अपनी चाल बदले और नये गियर को लगा कर आन्दोलन की गति बड़ाये।
इस अवसर पर भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पडडा भी सरकार की कार्य प्रणाली से खासे खफा नजर आये। उन्होंने कहा कि मुुख्य मंत्री ने स्वय आश्वासन दिया था कि जल्द ही एक कमेटी बना कर भूमि अधिकारों को लेकर आ रही परेशानी को दूर करने का मार्ग निकाला जायेगा।

उन्हांेने कहा कि जिला स्तर से कमेटी ने अपनी रिर्पोट भी शासन को भेज दी परन्तु आज 41 दिन बीत जाने के बावजूद शासन स्तर से कुछ भी होता नजर नही आया है। उन्हांेने कहा कि उपर से मध्यस्था करने वालो की चुप्पी भी बहुत कुछ कहती नजर आ रही है। पडडा ने कहा कि उन्हंे आज भी आशा है कि आगामी 16 सितम्बर को मुख्यमंत्री धामी अपने जन्मदिन पर बाजपुर को तोहफा देंगे। उन्होंने कहा कि यदि यह तारीख भी निकाल दी गयी तो युवाओं के आक्रोश को थामना मुशकिल हो जायेगा।

इस अवसर पर आन्दोलन के संयोजक जगतार सिंह बाजवा ने भी साफ साफ कहा कि बाजपुर तहसील में आन्दोलन शुरु करने के बाद बिना अधिकार वापिस लिये किसी भी कीमत पर उठा नही जायेगा। उन्हांेने कहा कि आज भूमिधरी अधिकार छीन लिये जाने व जमीनो के क्रय विक्रय पर रोक के चलते लोगों की परेशानिया बड़ गयी है। बच्चों को शिक्षा के लिये लोन, कारोबार के लिये लोन, भवन बनाने के लिये लोन के लाले पड़ गये है। बैंको ने इन बीस गांव के पचास हजार लोगों को किसी भी प्रकार का लोन देने से इनकार कर दिया है।

बच्चों की शादिया रुक गयी है लोग इन बीस गांव में अपने बच्चो की शादियां करने से इनकार करने लगे है। ऐसे में इनती मानसिक प्रताड़ना सहन कर रहे लोगों के प्रति सरकार अगर संवेदनशील नही होती है तो उन की नजर में यह सरकार अब तक की सब से असंवेदनशील सरकार होगी। उन्हांेने चेताया कि युवाओं के धेर्य की परीक्षा सरकार ना ले और जल्द राहत प्रदान करे।

इस अवसर पर सत्याग्रह संयोजक रजनीत सिंह सोनू ने कहा कि अब धेर्य जवाब देने लगा है। आज पंचायत में सभी का मत था कि आन्दोलन को उग्र किया जाये तभी बात बनेगी। सोनू ने कहा कि इसी को लेकर तय किया गया है कि 13 सितम्बर से क्रमिक भूख हड़ताल शुरु की जायेगी तथा बीस सितम्बर को पूरे क्षेत्र में ट्रैक्टर रैली निकाली जायेगी।

रजनीत सोनू ने कहा कि यदि इस दौरान हमे हमारे भूमिधरी हक नही मिले तो फिर महापंचायत की ओर रुख किया जायेगा जिस में पूरे देश भर के किसान संगठनो को बाजपुर बुला कर एक वृहत और बड़े जनान्दोलन को छेड़ दिया जायेगा। इस अवसर पर भाकियू के मंडल अध्यक्ष विक्की रंधावा ने कहा कि सरकार हमारे संयम का इम्तिहान ले रही है।  उन्हांेने कहा कि आधी सदी से भी ज्यादा समय से प्राप्त भूमिधरी अधिकारों को छीन कर

सरकार ने लोकतंत्र का गला घोटने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अब चाहे कुछ भी हो जाये बिना भूमिधरी अधिकार वापिस लिये घर नही लौटेंगे। इससे पूर्व आज भारी बरसात के बावजूद सैंकड़ो की तादाद में भू पीड़ित महिलओं ने भी आन्दोलन स्थल पहुंच कर अपनी प्रभावी भागीदारी दिखायी। इस दौरान महिला वक्ताओं ने भी सरकार को जम कर कोसा और खरी खोटी सुनाते हुए जमीनो के छीन लिये अधिकार वापिस देने की मांग की।

पंचायत को वरिष्ठ किसान नेता जनकवि बल्ली सिंह चीमा, ब्लॉक अध्यक्ष प्रताप सिंह संधू, गगन सरना, महेंद्र सिंह, कुलबीर सिंह आदि ने भी संबोधित किया। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा के संरक्षण में हुई आज की पंचायत की अध्यक्षता वरिष्ठ व्यापारी नेता निरंजन दास गोयल ने की।

इस अवसर पर कर्म सिंह पड्डा, अशोक गोयल, कुलबीर सिंह, श्याम गोयल, अजीत प्रताप सिंह रंधावा, दर्शन लाल गोयल,सतनाम सिंह रंधावा, बिजेंदर डोगरा, मनोज गुप्ता, जसविंदर सिंह गिल, राजेंदर बेदी, राजू सिंघल, संजय सूद, करण शर्मा, प्रभसरण सिंह, सुनीता टम्टा बाजवा, परमजीत कौर, रेखा सिंह, मनजीत कौर, हीरा देवी, मीना बरसेलिया, संदीप कौर, सुखविंदर कौर, सुखजीत कौर, कमलजीत कौर, सुखवंत कौर, परमजीत कौर, कुलविंदर कौर, राजविंदर कौर, चरणजीत कौर, परमजीत कौर, तलविंदर कौर, उपेंद्र कौर, अनुरिती, करमजीत, दीपा असवाल, जगराज कौर, राजेंद्र कौर, पूजा जोशी, सरस्वती जोशी, लक्ष्मी देवी कुशवाहा, कौशल्या देवी, ललिता रावत, हर्षजीत कौर, जसपाल, सुनीता गोयल, मीना सिंह, बलदेव सिंह, अमरनाथ शर्मा, पाल सिंह, बाबू सिंह चैहान, हरदीप सिंह, रूड सिंह, जीत सिंह, गुरदीप सिंह, तरसेम सिंह, सनी खैर, गुरविंदर सिद्धू, जसमीत भुल्लर, सतपाल पन्नू, गुरु प्रताप सिंह काका, मोनी भुल्लर, चंद्रसेन, जसवीर सिंह भुल्लर, हरपाल सिंह खैरा, हरदेव सिंह, जसवंत सिंह, मलूक सिंह, जगराज सिंह, सुनील पाठक, सुखविंदर सिंह, मनोज गोयल, पंकज गुप्ता, प्रताप सिंह संधू, रविन्द्र सिंह, सुक्खा, संजय सूद, अशोक गोयल, तरुण मित्तल, विकास गोयल, लखविंदर सिंह, सुखविंदर सिंह, हरदेव सिंह ,रणजीत सिंह, गुरविंदर सिंह, जयदीप सिंह, रविंद्र सिंह, मलूक सिंह, जसवंत सिंह, हरदेव सिंह, दारा दिलेर रंधावा, गुरु प्रताप सिंह, जसवीर सिंह भुल्लर, राकेश चैहान, अमर सिंह, खेम सिंह राणा, डब्बू भाई, गुरबख्श सिंह, दलजीत सिंह, रोहित बंसल, अभिषेक चैधरी, निरंजन दास गोयल, महेंद्र प्रसाद चैबे, मदन बिष्ट, अमित यादव, अनिल कुमार, संदीप गोयल, रोहित शर्मा, राजा यादव, प्रमोद भटनागर, पप्पू,चंद्रपाल, उमेश कुमार, दुर्गेश कुमार, राम अवतार सिंह, खजान सिंह, तपन विश्वास, राजेंद्र कुमार, रंजीत सिंह, करन विश्वास, मदन सिंह, वीर सिंह, नरेश कुमार, राकेश कुमार, छत्रपाल नोनिहाल सिंह, बाबूराम, सुरेंदर कुमार, गुरदीप सिंह राना, मनप्रीत सिंह, सब्बी, भगवंत बाजवा, सुरजीत सिंह, रतन सिंह, अंग्रेज सिंह, सुब्बा सिंह, गुरमेल सिंह, जसवंत सिंह, लक्खा सिंह, गुरप्रीत सिंह, बाज सिंह ,जीवन सिंह, अवतार सिंह, गगन सिंह, नवजोत सिंह, प्रभजोत सिंह, अनमोल सिंह, महेन्दर सिंह, सुरजीत सिंह, सुखविंदर सिंह, शेरा सिंह, कश्मीर सिंह कुलदीप सिंह, दिलबाग सिंह, गुरचारण सिंह, हरपाल सिंह, जसविंदर सिंह, जगदीश यादव, महेन्दर सिंह चैहान, परमात्मा सारण भटनागर, सतीश, धीरज सिंह, सुनील सक्सेना, अनिल सजवाण अदि किसन मजदूर व्यापारी मौजूद रहे।

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