उत्तराखंड

हरियाणा में उत्तराखंड की बुजुर्ग महिला राह भटकी! परिवार से बिछड़ी तो पुलिस बनी देवदूत

उत्तराखंड: वाकिया कल यानी मंगलवार 16 अप्रैल रात्रि का है। ज़ब हरियाणा के पुलिस पोस्ट सेक्टर 93 गुरुग्राम के पुलिस स्टेशन सेक्टर 10 से रात के करीब 10 बजकर 35 मिनट पर उत्तराखंड में वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी के मोबाईल पर फोन कॉल आई।

गुरुग्राम के थाने से पुलिस कर्मी अशोक गुर्जर ने मैठाणी को बताया गया कि आपके गांव की एक बुजुर्ग महिला हमारे थाने में हैं, जो कि रास्ता भटक गई हैं। वह अपने बेटे का नाम नरेंद्र बता रही हैं, लेकिन बाकी कुछ उन्हें मालूम नहीं है।

समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी ने बताया कि उन्हें पहले पहले तो ये लगा कि शायद यह कोई फर्जीकॉल है! आजकल देशभर में तमाम तरह के साइबर ठगी के मामले चल रहे हैं। शायद उसी कड़ी में कोई उनसे पैसा मांगना चाह रहा है।

मैठाणी ने बताया कि मैंने सच्चाई जानने के लिए फोन करने वाले शख्स से कहा कि आप मेरी बात महिला से करवाओ साथ ही महिला सहित थाने की फोटो थाना स्टॉफ के साथ भेजें। उधर से पुलिस कर्मियों ने फोटो साझा की और मेरी बात महिला से करवाई। मैंने बुजुर्ग महिला से गढ़वाली में बात की तो वह काफ़ी परेशान दिखीं। उनकी बोली भाषा पौड़ी की थी मैंने उन्हें कहा आप अपना गांव और ब्लॉक का नाम बता दीजियेगा। बातचीत में महिला ने जैसे ही गांव के नाम के अलावा बीरोंखाल ब्लॉक बताया तो मैंने गुरुग्राम पुलिस को कहा कि बस 10 मिनट का समय दीजिए माता जी अपने परिवार से मिल जाएंगी।

मुख्यमंत्री उत्तराखंड के वरिष्ठ प्रमुख निजी सचिव के. के. मदान बने मददगार : समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी ने तुरंत उत्तराखंड में युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के वरिष्ठ प्रमुख निजी सचिव के. के. मदान से संपर्क किया, और उन्हें सम्बंधित घटना की जानकारी दी, उनसे बीरोंखाल के एस डी एम या थाने का नंबर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।

समाजसेवी मैठाणी ने बताया कि वरिष्ठ प्रमुख निजी सचिव के. के. मदान ने उन्हें आश्वस्त किया कि वह मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से पूरी मदद करेंगे। मदान ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी का पहला लक्ष्य ही जन जन की सेवा का रहा है। ऐसे में हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी बनती है कि मुख्यमंत्री की भावना के अनुरूप हर नागरिक को सम्मान व सेवा प्रदान करें।

ततपश्चात् वरिष्ठ प्रमुख निजी सचिव के के मदान ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल क्षेत्रिय अधिकारीयों के नम्बर उपलब्ध करा दिए, और स्वयं भी हरियाणा एवं उत्तराखंड के थाना प्रभारियों से सम्पर्क स्थापित किया । फिर बीरोखाल में थाना इंचार्ज सुनील पँवार का सम्पर्क गुरुग्राम थाने से करवाया गया।

थाना इंचार्ज सुनील पंवार ने भी चंद मिनटों में ही बीरोखाल में बुजुर्ग माता जी के घर गांव का पता मालूम किया और हरियाणा पुलिस का संपर्क गुरुग्राम में रह रहे माता जी के परिवार से करा दिया, जिसके बाद सबने राहत की सांस ली।

गुरुग्राम पुलिस को कैसे मिला शशि भूषण मैठाणी का नंबर : समाजसेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार शशि भूषण मैठाणी ने बताया कि वह आजकल अपने गांव मैठाणा खलताल में ही रहते हैं। पहाड़ों में सभी लोग जल्दी सो जाते हैं, ज़ब हरियाणा पुलिस की फोन कॉल आई तो मैं भी गहरी नींद में था। लेकिन फिर ज़ब जाग गया था तो अपनी ओर से माता जी को घर तक पहुँचाने में गुरुग्राम पुलिस को पूरा सहयोग भी किया।

लेकिन ज़ब सब कुछ सही हो गया तो मैंने जरूर गुरुग्राम पुलिस से मालूम किया कि मेरा नंबर उन्हें कैसे मिला तो उन्होंने कहा कि गूगल पर आपका नंबर मिल गया था। श्री मैठाणी ने बताया कि ऐसा मेरे साथ अनेकों बार हो चुका है ज़ब किसी न किसी अनजान शख्स व जरूरतमंदों की ओर से मुझे फोन कॉल आ जाती है।

खासकर यात्रा सीजन में उत्तराखंड सहित पर-प्रांतो से भी लोगों के द्वारा सूचना प्राप्त करने या मदद चाहने के रूप में फोन कॉल आ जाती हैं। समाजसेवी मैठाणी ने कहा कि यह मेरे लिए सुखद क्षण होता है ज़ब मैं किसी के लिए काम आता हूँ । भगवान का विशेष धन्यबाद कि वह सेवा में भागीदारी के लिए मुझे भी चुन लेते हैं।

मैठाणी ने वरिष्ठ प्रमुख निजी सचिव मुख्यमंत्री उत्तराखंड के. के. मदान का विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मदान जी ने पूर्व में भी अनेकों जरूरतमंदो की मदद करने में मेरे साथ खड़े रहे हैं, यही कारण रहा कि मैंने इस सेवा कार्य में उनसे ही मदद ली और वह सार्थक भी रही। साथ हरियाणा में गुरुग्राम पुलिस के ASI शैलेन्द्र, ASI अशोक मानकशॉ व CT परवीन के अलावा बीरोखाल पौड़ी में थाना इंचार्ज सुनील पँवार का भी विशेष धन्यवाद।

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