वीडियोः इन शिक्षकों का सहायक नगर आयुक्त बनने का सपना टूटा!
न्यूज वेट ब्यूरो। देहरादून
दो शिक्षकों को काशीपुर नगर निगम में अपर नगर आयुक्त के पदों पर नियुक्ति देने के मामले में नगर विकास विभाग और शिक्षा विभाग आमने -सामने आ गए। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने स्पष्ट कर दिया कि विभाग इन शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति के लिए कार्यमुक्त नहीं करेगा। शिक्षा मंत्री के रुख से साफ है कि नगर विकास विभाग ने दो शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर तैनाती संबंधित आदेश जारी करने से पहले शिक्षा विभाग को विश्वास में लेने की जरूरत नहीं समझी।
उत्तराखंड में मनमानी का दौर जारी है। ताजा घटनाक्रम में एक सहायक अध्यापिका को शहरी विकास विभाग में राजपत्रित अधिकारी के पद सहायक नगर आयुक्त पर तैनाती का आदेश जारी कर दिया गया था। यह नियुक्ति प्रतिनियुक्ति पर की गई। शहरी विकास विभाग ने 13 सितंबर को एक आदेश जारी किया था।
इसमें कहा गया है कि राजकीय इंटर कालेज, हमीरावाला, जसपुर (ऊधमसिंह नगर) को तीन साल के लिए नगर निगम काशीपुर में सहायक नगर आयुक्त के पद पर प्रतिनियुक्ति पर तैनात किया जाता है। खास बात यह भी है कि यह पद राजपत्रित बताया जा रहा है कि और इस पर विभागीय सेवा या फिर नए पीसीएस अफसरों की तैनाती होती रही है। प्रतिनियुक्ति का यह आदेश सचिवालय में चर्चा का विषय बना हुआ है।
अभी इस प्रतिनियुक्ति का मामला शांत नहीं हुआ था कि सोशल मीडिया पर नगर विकास विभाग का एक ओर आदेश ट्रेंड करने लगा, इसमें राजकीय इंटर कालेज, त्रिपालीसैंण , पौड़ी गढ़वाल में प्रवक्ता को सहायक नगर आयुक्त के पद पर तीन वर्ष के लिए काशीपुर नगर निगम में प्रतिनियुक्ति के आधार पर तैनाती दी गई थी। इस पत्र पर भी 13 सितंबर, 2019 की तिथि दर्ज है।
शिक्षा विभाग में इन प्रतिनियुक्तियों का व्यापक विरोध किया गया। मंगलवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने स्पष्ट कर दिया कि शिक्षा विभाग इन दोनों शिक्षकों को रीलिव नहीं करेगा। उनके इस बयान से साफ हो गया कि नगर विकास विभाग मनमाने तरीके से शिक्षा विभाग में दखल करते हुए प्रतिनियुक्तियों के आदेश जारी कर रहा है, जबकि शिक्षा विभाग विभाग से प्रतिनियुक्तियों का विरोध करता रहा है। क्योंकि इससे स्कूलों व कॉलेजों में शिक्षकों की कमी से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है।