ब्यूरोक्रेसी

सिस्टम कर रहा सरकार के खिलाफ ‘साजिश’!

काबीना मंत्री और भाजपा विधायक ने खुलेआम लगाया ये आरोप

किच्छा में एक महिला की मौत से विधायक है आहत

बाजपुर में जमीन मामले में मंत्री जी के प्रयास बेअसर

देहरादून। अगर मामला जनहित से जुड़ा हो और काबीना मंत्री और सत्तारूढ़ दल के विधायक यह कह रहे हों कि सरकार के खिलाफ साजिश हो रही है। तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकारी सिस्टम किस अंदाज में काम कर रहा है। ऐसे में आम जनता का क्या हाल हो रहा होगा, इसकी कल्पना भी आसानी से की जा सकती है।

जी हां, सूबे के तराई क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के बोल इस बात का संकेत कर रहे हैं कि सिस्टम किस तरह से हावी हो चुका है। पहले बात करते हैं ऊधमसिंह नगर जिले की किच्छा सीट से भाजपा विधायक राजेश शुक्ला की। एक बीमार महिला को इलाज उपलब्ध कराने के लिए विधायक जी तमाम फोन घुमाएं पर अधिकांश अफसरों के फोन बंद ही मिले। किसी तरह से किच्छा अस्पताल में उसे भर्ती कराया जा सका। पर तत्काल ही उसकी मौत हो गई। इससे भड़के विधायक शुक्ला ने पहले तो किच्छा अस्पताल में ही धरना दिया। विधायक ने साफ कहा कि कोई सुनने वाला ही नहीं है। ये सरकार को बदनाम करने की साजिश है। इस बारे में मुख्यमंत्री से भी बात की जाएगी।

इससे पहले गदरपुर सीट से विधायक और सूबे के काबीना मंत्री अरविंद पांडेय भी इसी तरह सरकार के खिलाफ साजिश का आरोप लगा चुके हैं। दरअसल, एक अन्य काबीना मंत्री यशपाल आर्य की विस क्षेत्र और काबीना मंत्री पांडेय के गृहक्षेत्र बाजपुर में हजारों एकड़ जमीन डीएम के एक आदेश से खतरे में हैं। हजारों लोग परेशान हैं। मंत्री पांडेय इस बार में आदेश जारी करने वाले ऊधमसिंह नगर के डीएम से भी बात कर चुके हैं। लेकिन कोई समाधान नहीं निकल रहा है। मंत्री जी ने पिछले फरवरी माह में कहा था कि यह आदेश सरकार को बदनाम करने की कोशिश है। ऐसे अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा। अब पांच महीने बाद चंद रोज पहले मंत्री जी अपने इसी बयान को दोहरा दिया है। मंत्री जी कहते हैं कि सरकार की छवि खराब करने के साथ ही किसानों और सरकार के बीच संबंध खराब करने की साजिश रचने वाले अफसरों के बारे में मुख्य़मंत्री से बात की जाएगी।

अब मंत्री और सत्तारूढ़ दल के विधायक के अनुसार सिस्टम ही सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रहा है। तो फिर बचता ही क्या है। क्या तराई में तैनात अफसर इतने ज्यादा निरंकुश हो रहे हैं कि नेताओं को उन पर सरकार को बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाना पड़ रहा है। अगर इन आरोपों में दम है तो यह आसानी से समझा जा सकता है कि प्रदेशभर में ये सिस्टम किस तरह से आम जनता के हितों का काम कर रहा होगा।

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