गजबः पत्नी अध्यक्ष तो पति नामित सभासद
निकायों में सभासद बनाए गए नेताओं की ताजपोशी चर्चा में
काशीपुर में पार्षद संघ की अध्यक्ष के जेठ भी नामित
रुद्रपुर में दो भाजपा पदाधिकारियों को मिला है तोहफा
देहरादून। भाजपा सरकार ने ढाई साल अपने कार्यकर्ताओं को निकायों में सभासद और पार्षद के पदों पर नामित किया है। इस मनोनयन पर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। ऊधमसिंह नगर जिले में हुए मनोनयन इस बात का संकेत दे रहे हैं कि एक ही घर में एक और पद दे दिया गया है। बताया जा रहा है कि इससे भाजपा कार्य़कर्ताओं में अंदरखाने खासा रोष है।
सत्तारुढ़ भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को एडजस्टमेंट करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए निकायों में सभासद और पार्षद के पदों पर नामित किया है। इस मनोनयन में पहले से सत्ता पर काबिज लोगों को मनोनयन खासा चौंकाने वाला है। हालात ये हैं कि ऊधमसिंह नगर जिले की नगर पंचायत दिनेशपुर और गूलरभोज की चेयरमैन के पतियों को ही सभासद नामित कर दिया गया। काशीपुर नगर निगम में में पार्षद संघ के अध्यक्ष के जेठ को पार्षद नामित किया गया है। इसके साथ ही रुद्रपुर में संगठन के पदों पर काबिज दो नेताओं को भी पार्षद नामित कर दिया गया है।
गूलरभोज नगर पंचायत की चेयरमैन अनीता दुबे के पति तरुण दुबे और दिनेशपुर नगर पंचायत की चेयरमैन सीमा सरकार के पति हिमांशु सरकार को इसी नगर पंचायत में सभासद नामित किया गया है। काशीपुर नगर निगम में पार्षद संघ की अध्यक्ष अनिता कांबोज के जेठ पंकज कांबोज को पार्षद नामित किया गया है। रुद्रपुर नगर निगम में नामित पार्षद धीरेश गुप्ता भाजपा उत्तरी मंडल जबकि सुनील यादव दक्षिणी मंडल महामंत्री हैं। संगठन में पद होने के बावजूद दोनों को पार्षद मनोनीत किया गया है।
ये तो महज एक जिले की बानगी है। अगर पूरे प्रदेश में नामित सभासदों और पार्षदों की कुंडली खंगाली जाए तो इस तरह के और भी मामले सामने आने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि परिवार के एक सदस्य को भाजपा टिकट देगी और जीतने पर उसी परिवार के दूसरे सदस्य को नामित करेगी। इससे क्या जमीनी कार्यकर्ताओं के मनोबल पर फर्क नहीं होगा और क्या वे खुद को उपेक्षित महसूस नहीं करेंगे।