एक्सक्लुसिव

लोस चुनावः उत्तराखंड में कांग्रेस का भाजपा को वॉकओवर !

हरिद्वार, नैनीताल, टिहरी में राह आसान, पौड़ी में मुकाबला बाकी

कांग्रेसी दिग्गजों ने चुनाव में उतरने से हाथ किए खड़े

ऐसा न होता सभी सीटों पर भाजपा को मिलती टक्कर

देहरादून। आपसी सिर फुटोव्वल और दिग्गजों के हाथ खड़ा करने के बाद कांग्रेस प्रत्याशियों के जो चेहरे सामने आए हैं, उससे साफ दिख रहा है कि कांग्रेस ने कम से कम तीन सीटों पर भाजपा को वॉकओवर सा दे दिया है। महज दो सीट ही ऐसी मानी जा सकती हैं, जहां कांग्रेस की ओर से भाजपा प्रत्याशी को टक्कर मिल सकती है।

कांग्रेस देशभर में भाजपा को चुनौती देने की बात कर रही है। लेकिन उत्तराखंड में हालात एकदम से विपरीत हैं। यहां तो दिग्गजों से चुनाव लड़ने से ही इंकार कर दिया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को पहले अल्मोड़ा और फिर बाद में नैनीताल सीट से चुनाव में उतारने की बात हुई। लेकिन माहौल की नजाकत देख उन्होंने इंकार कर दिया। इसी तरह से टिहरी सीट से कांग्रेसी दिग्गज प्रीतम सिंह को लड़ाने की बात हुई पर उन्होंने भी हामी नहीं भरी।

हरिद्वार सीट से कांग्रेसी दिग्गज हरक सिंह रावत की मजबूत दावेदारी रही थी। इसी सीट से पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपनी भी दावेदारी ठोंक दी। एक निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को भी इस सीट से कांग्रेस का टिकट देने पर मंथन हुआ पर हरदा ने वीटो लगा दिया।

अब फाइनल तसवीर सामने आ गई है। नैनीताल सीट पर भाजपा के दिग्गज अजय भट्ट के सामने कांग्रेस ने प्रकाश जोशी को टिकट दिया है। यहां पूर्व सांसद महेंद्र पाल की दावेदारी को नकार दिया गया। जोशी की बात करें तो उनका अपना कोई जनाधार इतनी बड़ी लोस सीट पर नहीं है। वे विधायक का चुनाव दो बार भारी अंतर से हार चुके हैं। ऐसे में अजय भट्ट की राह आसान हो सकती है।

अल्मोड़ा सीट से भाजपा के पूर्व राज्यमंत्री और दो बार के सांसद अजय भट्ट के मुकाबिल राज्यसभा सांसद रहे प्रदीप टम्टा को टिकट दिया गया है। इस सीट पर कुछ हद तक प्रदीप की ओर से भाजपा के अजय भट्ट को कुछ टक्कर दिए जाने की संभावना है।

टिहरी सीट पर लंबे समय से राजपरिवार का कब्जा रहा है। भाजपा इस बार फिर से महारानी राज्यलक्ष्मी शाह पर ही दांव खेला है। कांग्रेस ने यहां से पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला को टिकट दिया है। जोत सिंह का अपना प्रभाव महज मसूरी क्षेत्र में ही माना जा रहा है। वे चुनाव में बेतहाशा पैसा खर्च करने की स्थिति में भी नहीं बताए जा रहे हैं। ऐसे में भाजपाई अपनी जीत पक्की मानकर चल रही है।

हरिद्वार सीट पर कांग्रेस की ओर से भाजपा को कड़ी चुनौती दी जा सकती थी। कांग्रेस ने यहां से पूर्व सीएम हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत को टिकट दिया है। युवा वीरेंद्र का यह पहला चुनाव है। उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जैसे कद्दावर नेता है। इस सीट से हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत भाजपा प्रत्याशी से हार चुकी हैं। अलबत्ता 2009 में हरीश रावत एक बार खुद यहां से जीते थे।

पौड़ी संसदीय सीट पर कांग्रेस कुछ राहत महसूस कर सकती है। यहां से कांग्रेस ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने यहां से पूर्व रास सांसद अनिल बलूनी को टिकट दिया है। बलूनी भले ही इसी संसदीय सीट के निवासी हैं पर उनका अधिकांश समय बाहर ही गुजरा है। 2002 में कोटद्वार सीट से भाजपा के टिकट पर अपना पहला चुनाव हार भी चुके हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि इस सीट पर गणेश और अनिल दोनों की ब्राह्मण हैं और यह सीट राजपूत बाहुल्य है। ऐसे में मुकाबला दिलचस्रप हो सकता है। भाजपा से कांग्रेस के सिटिंग विधायक राजेंद्र भंडारी को अपने खेमे में लाकर गणेश को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया है।

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