एक्सक्लुसिव
लाकडाउनः असल में तो यूएस नगर में ही रहा
सीएम के आदेश के बाद भी डीएम ने नहीं खुलने दी कोई दुकान
जिले में होम डिलेवरी व्यवस्था बनाने का दिया तर्क
12 जनपदों में सात से एक बजे तक खुलीं दुकानें
न्यूज वेट ब्यूरो
देहरादून। भले ही इसे मुख्यमंत्री के आदेशों की नाफरमानी माना जाए। लेकिन लाकआउट का असली नजारा तो ऊधमसिंह नगर जिले में दिखा। डीएम नीरज खैरवाल ने बगैर किसी विरोध की परवाह किए जिलेभर में कोई भी दुकान नहीं खुलने दी। अलबत्ता सूबे के बाकी 12 जिलों में मुख्यमंत्री के आदेशानुसार सुबह सात से दोपहर बाद एक बजे तक जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलीं रहीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना से बचाव के लिए देशभर में 21 दिन यानि 14 अप्रैल तक के लिए लाकडाउन की अपील की है। अलग-अलग राज्यों में इसका अपने-अपने अंदाज में पालन किया जा रहा है। इस उत्तराखंड में मुख्यमंत्री ने पहले तो सुबह सात से 10 बजे तक जरूरी उपयोग की वस्तुएं आम लोगों को उपलब्ध कराने के लिए दुकानें खोलने की घोषणा की। हालात बेकाबू होता देख सरकार ने गुरुवार को ऐलान किया कि शुक्रवार ने दुकानें खोलने का समय सुबह सात से एक बजे तक रहेगा। इसी पर अमल करते हुए राज्य के 12 जनपदों में दुकानें आम जनमानस के लिए खोली गईं। अहम बात यह है कि राज्य के एक जिले ऊधमसिंह नगर के डीएम नीरज खैरवाल ने अपने जिले में एक भी दुकान नहीं खुलने दी। उनका तर्क था कि प्रशासन ने सभी के लिए होम डिलेवरी की व्यवस्था बना दी है। फिर लोगों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
दरअसल, सरकार के आदेश के रोजना छह घंटे दुकानें खोलने और आने-जाने पर कोई प्रतिबंध न होने का रास्ता खुल गया था। इसके बाद से ही पीएम मोदी के सोशल डिस्टेंसिंग बनाने की मंशा पर तमाम सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह है कि अगर छह घंटे अवाम सड़कों पर रहेगा और दुकानों पर भीड़ होगी तो सोशल डिस्टेंसिंग की मंशा कैसे पूरी होगी। अब डीएम ऊधमसिंह नगर पर भले ही यह आरोप लगे कि उन्होंने सीएम के आदेश की अवहेलना की है। लेकिन उनके इस फैसले से इस जिले के लोगों ने महसूस किया कि वास्तव में असली लाकडाउन होता क्या है।