एक्सक्लुसिव
गजबः प्रमोशन के लिए पैसा और भत्ते “फ्रीज”
लॉकडाउन में आम कर्मचारी की कटी जेब और तमाम के वेतन में बढ़ोतरी
वेतन में बढ़ोतरी का सरकार पर आएगा बोझ
वित्त विभाग में कई आला अफसर को लाभ
लोनिवि में बांटी इसी तरह जा रही हैं रेवड़ियां
लघु सिंचाई विभाग में चल रहा ये सिलसिला
सचिवालय प्रशासन भी चल रहा इसी राह पर
न्यूज वेट ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड का सरकारी सिस्टम भी गजब अंदाज में काम कर रहा है। एक तरफ कोरोना संकट में पैसों की जरूरत के मद्देनजर सरकार ने वेतन और पेंशन में डीए फ्रीज कर दिया है तो दूसरी तरफ विभागों में प्रमोशन का दौर चलाकर कर्मियों और अधिकारियों का वेतन बढ़ाया जा रहा है। सवाल यह है गर सरकार के पास वेतन बढ़ाने के लिए पैसे हैं तो डीए देने में केंद्र सरकार की नकल क्यों की जा रही है।
केंद्र सरकार ने पिछले दिनों अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के डीए (मंहगाई भत्ता) बढ़ाने पर डेढ़ साल के लिए रोक लगाई थी। उत्तराखंड सरकार ने भी केंद्र के इस आदेश की नकल करने में देर नहीं लगाई और अधिकारियों-कर्मचारियों के डीए को फ्रीज कर दिया। हो सकता है कि राज्य सरकार ने यह फैसला अपनी खस्ता माली हालत और कोरोना संकट के मद्देनजर किया हो।
लेकिन इसी सरकार का एक दूसरा पहलू यह भी है। एक तरफ डीए की किश्त बढ़ाने के लिए पैसे नहीं हैं तो दूसरी तरफ तमाम विभाग जमकर प्रमोशन कर रहे हैं। वित्त विभाग ने तो कई आला अफसरों को पदोन्नत किया गया है। इस विभाग में पहले दो अपर आयुक्त और छह से सात संयुक्त आयुक्त थे। जीएसटी लागू होने के बाद आधा काम सीजीएसटी में चला गया। लेकिन पद बढ़ा दिए गए। इस समय छह से सात अपर आयुक्त और 15 संयुक्त आयुक्त है। पिछले दिनों सरकार ने एक अपर आयुक्त को अपर आयुक्त (स्पेशल) और दो संयुक्त आयुक्तों को अपर आयुक्त पद पर प्रमोशन किया है। जानकारों के अनुसार इससे इन अफसरों के मासिक वेतन में 25 से 40 हजार तक की बढ़ोतरी होगी। इसी तरह लोक निर्माण विभाग में 138 लोगों और लघु सिंचाई में दो अभियंताओं और सचिवालय प्रशासन ने 12 अफसरों को पदोन्नति दी है।
तबादलों का भी चल रहा दौर
एक कर्मचारी या अधिकारी का तबादला करने पर सरकार को टीए और डीए के रूप में मोटी रकम अदा करनी होती है। पैसा बचाने के इस दौर में सरकार का पैसा तबादलों पर भी खर्च किया जा रहा है।