कोविड जांच फर्जीवाड़ाः कंपनी पर विभाग मौन
दिहाड़ी कार्मिकों के खिलाफ एफआईआर की खानापूरी
इसी कंपनी ने ही हरिद्वार कुंभ में भी की थी जांच
विभागीय मुख्यालय ने ही किया है कंपनी का चयन
स्वास्थ्य विभाग की मुखिया बात करने को नहीं तैयार
354 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से हो रहा है भुगतान
देहरादून। कोरोना की रेपिट एंटीजन जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद भी महकमे के आला अफसर कंपनी के प्रति साफ्ट बने हुए हैं। इस खुलासे के बाद हरिद्वार कुंभ के दौरान हुई कोविड रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अहम बात यह है कि जांच के लिए इस कंपनी का चयन स्वास्थ्य महकमे के मुख्यालय से ही हुआ। जांच के लिए प्रति व्यक्ति 354 रुपये का भुगतान विभाग की ओर से इस कंपनी को किया जा रहा है।
पिछले दिनों ऊधमसिंह नगर के पुलभट्टा पर कोविड जांच के नाम पर एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। जांच में पाया गया कि उस सेंटर पर बैठी टीम के लोग बगैर जांच के ही कोरोना नेगेटिव की रिपोर्ट लोगों को दे रहे थे। रोजाना कई सौ लोगों की जांच महज कागजों में ही रही थी। ऐसे में कोरोना पॉजीटिव लोगों के उत्तराखंड में प्रवेश की आशंका तो है ही, यह कंपनी द्वारा फर्जी बिलिंग का मामला भी बनता है। इस प्रकरण से सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि क्या हरिद्वार कुंभ के दौरान भी इसी तरह की फर्जी जांच तो नहीं की गई। यहां बता दें कि पुलभट्टा पर जांच टीम को हरिद्वार में प्रयोग की गई टेस्ट किट भी भारी मात्रा में मिली हैं।
इस मामले में एक अहम बात यह भी है कि स्वास्थ्य महकमे के आला अफसर कंपनी पर एक्शन मामले में मौन साधे हुए हैं। ऊधमसिंह नगर के पुलभट्टा में पकड़े गए फर्जीवाड़े में स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय अफसरों ने कंपनी के दिहाड़ी कार्मिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके उनकी गिरफ्तारी कर ली। लेकिन कंपनी मालिकों के खिलाफ कुछ नहीं किया गया। इस मामले में ऊधमसिंह नगर के सीएमओ से बात करने की कोशिश कई। लेकिन कई प्रयास के बाद फोन पिक हुआ तो बताया गया कि वो सीएमओ के वाहन का चालक बोल रहा है। साहब म मीटिंग में है। बात में बात कराई जाएगी। लेकिन कोई कॉल बैक नहीं आई। स्वास्थ्य महकमे की मुखिया डॉ. तृप्ति बहुगुणा को कई बार फोन किया गया। लेकिन पिक नहीं हुई। उनका पक्ष जानने के लिए एसएमएस किया और व्हाट्सएप पर भी संदेश भेजा। लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया।
संबंधित खबर—- …तो कोरोना ‘महामारी’ नहीं है ‘आपदा’
संबंधित खबर—-कोरोना :एक मुर्दे का सफरनामा